नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में रेल बजट का विलय आम बजट में ही कर दिया था। इसलिए अब पहले की तरह एक दिन पहले रेल बजट नहीं आता, लेकिन आम बजट में रेलवे से जुड़ी घोषणाओं पर जरूर नजर रहती है। आम लोगों का परिवहन कहे जाने वाले रेलवे को लेकर भी तमाम उम्मीदें हैं। क्या सरकार रेलवे के किराये में इजाफा करेगी? नई ट्रेनें चलेंगी या फिर आधुनिकीकरण होगा? ऐसी तमाम उम्मीदों पर सरकार क्या करने वाली है। इसका खुलासा कुछ ही देर में हो जाएगा।

बजट में रेलवे नेटवर्क के 2030 तक विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा और उसका रोडमैप बताया जा सकता है। वर्ल्ड क्लास सिग्नल व्यवस्था, प्राइवेट ट्रेनों की जरूरत, ट्रैकों का दोहरीकरण और तिहरीकरण जैसी रेलवे की जरूरतों को लेकर घोषणा की जा सकती है।

इसके अलावा रेलवे के लिए सबसे दुधारू मानी जाने वाली रेलगाड़ियों की तेज आवाजाही के लिए अलग से कॉरिडोर तैयार करने को लेकर भी घोषणा की जा सकती है। गौरतलब है कि सरकार कई बार कह चुकी है कि यात्री गाड़ियों से उसकी आय में कमी आ रही है और उसके बदले वह मालगाड़ियों से आय में इजाफा कर बैलेंस बनाने की रणनीति पर काम करेगी।

वित्त मंत्री की ओर से रेलवे के सुरक्षा उपायों और हादसों में आई कमी का भी जिक्र किया जा सकता है। सुरेश प्रभु के बाद रेलवे की जिम्मेदारी संभालने वाले पीयूष गोयल अकसर इसका जिक्र करते रहे हैं।