SEBI Raid on Quant Mutual Fund House: क्वांट म्यूचुअल फंड (Quant Mutual Fund) देश के सबसे बड़े म्यूचुअल फंड हाउस (Mutual Fund House) में से एक है। अब खबर आई है कि बाजार नियामक SEBI ने कारोबार में अनमियतता को लेकर क्वांट के खिलाफ जांच शुरू की है। खबरों के अनुसार, नियामक ने मुंबई और हैदराबाद में क्वॉन्ट म्यूचुअल फंड के कार्यालय में तलाशी और जब्ती अभियान चलाया है।

क्वॉन्ट म्यूचुअल फंड ने कहा है कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) उसकी जांच कर रहा है और वह नियामक के साथ पूरा सहयोग करने को प्रतिबद्ध है। कंपनी का यह बयान मीडिया में आई उस खबर के बाद आया है कि सेबी कथित फ्रंट-रनिंग गतिविधियों को लेकर क्वॉन्ट म्यूचुअल फंड की जांच कर रहा है।

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SEBI क्यों कर रही है जांच?

फ्रंट-रनिंग से मतलब शेयर बाजार में गलत व्यवहार से है, जहां एक इकाई अपने ग्राहकों को जानकारी उपलब्ध कराने से पहले ब्रोकर या विश्लेषक से मिली जानकारी के आधार पर कारोबार करती है। फ्रंट रनिंग ट्रेडिंग का असर निवेशकों पर भी पड़ता है। सेबी को कंपनी की तरफ से अनैतिक और गैरकाननूनी ट्रेडिंग की शिकायत मिली है।

क्या कहा Quant Mutual Fund ने?

रविवार देर रात निवेशकों को लिखे एक नोट में कंपनी ने कहा, ‘हाल ही में क्वॉन्ट म्यूचुअल फंड को सेबी से पूछताछ मिली है और हम इस मामले के संबंध में आपकी किसी भी चिंता का समाधान करना चाहते हैं।’

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नोट में कहा गया है, ‘हम आपको आश्वस्त करना चाहते हैं कि क्वॉन्ट म्यूचुअल फंड एक विनियमित इकाई है और हम किसी भी समीक्षा के दौरान नियामक के साथ सहयोग करने के लिए हमेशा पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। हम सभी आवश्यक सहायता प्रदान करेंगे और सेबी को नियमित और जरूरत के हिसाब से आंकड़े प्रस्तुत करना जारी रखेंगे। क्वॉन्ट म्यूचुअल फंड के पास 80 लाख से अधिक फोलियो हैं। इसके प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (एयूएम) 93,000 करोड़ रुपये से अधिक हैं।’

तेजी से बढ़ी क्वांट म्यूचुअल फंड की लोकप्रियता

बता दें कि भारत में क्वांट म्यूचुअल फंड की लोकप्रियता बहुत तेजी से बढ़ी है। यह देश के सबसे बेस्ट परफॉर्म करने वाले म्यूचुअल फंड में से एक है। साल 2020 में कंपना का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 258 करोड़ रुपये था जो 2024 में बढ़कर 93 हजार करोड़ रुपये हो चुका है। फिलहाल कंपनी में करीब 80 लाख निवेशक हैं।

क्वांट के खिलाफ अनियमितता की जांच शुरू होने की खबरों के बाद निवेशकों में भी डर का माहौल है। निवेशकों को डर है कि उनके पैसे का हाल भी कहीं अमेरिकी म्यूचुअल फंड हाउस में पैसे लगाने वाले निवेशकों की तरह ना हो जाए। बता दें कि अमेरिकी फंड हाउस फ्रैंकलिन टेम्पलन (Franklin Templeton) मुसीबतों में घिरी थी और अभी तक इस म्यूचुअल फंड हाउस के सभी इन्वेस्टर्स को उनके पैसे वापस नहीं मिल पाए हैं। गौर करने वाली बात है कि जब फ्रैंकलिन टेम्पलन का विवाद हुआ था उसी समय भारतीय म्यूचुअल फंड हाउस क्वांट तेजी से उभर रहा था।

निवेशकों पर पड़ेगा क्‍या असर?

बता दें कि अगर कोई म्यूचुअल फंड हाउस फ्रंट रनिंग ट्रेड करता है तो उसके इन्वेस्टर्स की कॉस्ट बढ़ जाती है, क्योंकि आर्टिफिशियल तरीके से पैसों का लेनदेन करने से सिक्यॉरिटी चार्ज बढ़ जाता है। और निवेशकों को मिलने वाला रिटर्न भी कम हो सकता है। ऐसा होने से बाजार का भरोसा कम होता है और उनके मन में डर व शंका पैदा होती है।

SEBI की कौन सी कार्रवाई संभव

आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है कि सेबी को फ्रंट रनिंग की कोई शिकायत मिली है। साल 2022 में एक्सिस म्यूचुअल फंड को भी फ्रंट रनिंग ट्रेडिंग मामले में दोषी पाया गया था। इसके बाद सेबी ने इससे जुड़ी 21 कंपनियों को कैपिटल मार्केट से बैन कर दिया था। फ्रंट रनिंग को लेकर सेबी के नियम काफी सख्त हैं और अगर क्वांट म्यूचुअल फंड के खिलाफ मिली शिकायतें सही साबित होती हैं तो प्रतिबंध जैसी कार्रवाई की जा सकती है।

एजेंसी इनपुट के साथ