Risk Free Scheme for Long Term : बड़े फाइनेंशियल गोल को पूरा करने के लिए लंबी अवधि का निवेश जरूरी माना जाता है। अब बात आती है कि लंबी अवधि तक निवेश के लिए कौन सी स्कीम सुरक्षित है, जहां रिस्क बहुत कम है या नहीं के बराबर है। कन्जर्वेटिव या सुरक्षा को प्राथमिकता देने वाले निवेशकों के लिए ऐसी 2 सरकारी स्कीम मौजूद हैं। देश में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देने के लिए 2 सरकारी योजनाएं पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) और सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) मौजूद हैं. दोनों में ही रिटर्न की गारंटी है और बहुत सी खासियत एक जैसी है।
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दोनों स्कीम में कॉमन फैक्टर
पब्लिक प्रोविडेंट फंड और सुकन्या समृद्धि योजना दोनों ही सरकारी स्कीम हैं और देश के किसी भी डाकघर में इसके लिए खाता खुलवा सकते हैं।
दोनों ही स्कीम लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट को ध्यान में रखकर डिजाइन की गई हैं, जिससे आप अपने कई तरह के फाइनेंशियल टारगेट पूरे कर सकते हैं।
दोनों स्कीम में एक वित्त वर्ष में अधिकतम 1.50 रुपये तक जमा करने की सुविधा है, जिसे मंथली बेसिस पर भी किया जा सकता है। मंथली बेसिस पर दोनों स्कीम में 12500 रुपये निवेश करें तो एक साल में 1.50 लाख की लिमिट टच हो जाएगी।
पीपीएफ में 15 साल तक पैसा जमा करना होता है, मैच्योरिटी भी 15 साल की है। सुकन्या समृद्धि स्कीम में भी 15 साल ही आपको निवेश करना है, हालांकि खाता 21 साल पर मैच्योर होगा।
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PPF: कितना बनेगा फंड
ब्याज दर: 7.1 फीसदी सालाना कंपांउंडिंग
1 वित्त वर्ष में जमा की अधिकतम लिमिट: 1.50 लाख रुपये
(मंथली अधिकतम 12,500 रुपये भी जमा कर सकते हैं)
15 साल बाद मेच्योरिटी पर रकम: 40,68,209 रुपये
कुल निवेश: 22,50,000
ब्याज का फायदा: 18,18,209 रुपये
SSY: कितना बनेगा फंड
SSY पर ब्याज: 8.2 फीसदी सालाना
1 वित्त वर्ष में जमा की अधिकतम लिमिट: 1.50 लाख रुपये
(मंथली अधिकतम 12,500 रुपये भी जमा कर सकते हैं)
15 साल में निवेश: 22,50,000 रुपये
21 साल की मैच्योरिटी पर कुल अमाउंट: 69,80,100 रुपये
ब्याज का फायदा: 47,30,100 रुपये
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एक समान निवेश, लेकिन फायदे में अंतर
कैलकुलेशन से साफ है कि दोनों ही योजनाओं में एक निवेशक के तौर पर आप 15 साल में अधिकतम 22.50 लाख रुपये जमा कर सकते हैं। पीपीएफ स्कीम 15 साल बाद ही मैच्योर हो जाती है और मैच्योरिटी पर आपको करीब 40.68 लाख रुपये मिलते हैं। यानी इसमें ब्याज का फायदा करीब 18.18 लाख रुपये होता है।
जबकि सुकन्या समृद्धि योजना में 15 साल में आप पीपीएफ के बराबर ही अधिकतम 22.50 लाख रुपये जमा करते हैं। लेकिन स्कीम 6 साल बाद मैच्योर होती है, इसलिए इसमें कंपाउंडिंग जुड़ने से फायदा बढ़ जाता है। एसएसाई में आपको तय अधिकतम लिमिट में निवेश करने पर 69.80 लाख रुपये का फंड मैच्योरिटी के बाद मिलता है, यानी ब्याज का फायदा 47.30 लाख से ज्यादा होता है।
दोनों योजनाएं टैक्स फ्री
सुकन्या समृद्धि योजना और पीपीएफ दोनों ही टैक्स फ्री स्कीम है। इन पर EEE यानी तीन अलग-अलग स्तर पर टैक्स छूट मिलता है। पहला इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80 सी के तहत 1.50 लाख तक सालाना निवेश पर छूट। दूसरा इससे मिलने वाले रिटर्न पर टैक्स नहीं लगता। तीसरा मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम टैक्स फ्री है।