Pope Francis net worth: पोप फ्रांसिस ने 88 साल की उम्र में आज (21 अप्रैल 2025) आखिरी सांस ली। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वेटिन सिटी में घर पर ही उनका निधन हुआ। वेटिकन की तरफ से एक वीडियो मैसेज जारी कर यह जानकारी दी गई कि रोमन कैथोलिक चर्च के पहले लैटिन अमेरिकी पोप फ्रांसिस (leader of the Catholic Church) का निधन हो गया है। खास बात है कि वेटिकन सिटी के पोप के तौर पर वह किसी तरह की सैलरी नहीं लेते थे।
पिछले पोप से अलग, Pope Francis ने 2013 में पदभार संभालने पर पर चर्च से किसी भी प्रकार के भत्ते लेने से मना कर दिया था।। जबकि पोपों को पारंपरिक रूप से वेतन मिलता है, रिपोर्टों से पता चलता है कि इस पद के लिए मौजूदा सैलरी $32,000 प्रति माह है।
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हालांकि, पोप फ्रांसिस ने या तो इस पैसे को चर्च को दान करने, इसे एक फाउंडेशन के लिए इस्तेमाल करने, इसे ट्रस्ट में रखने या परिवार के किसी सदस्य को देने का विकल्प चुना था।
पोप फ्रांसिस की नेट वर्थ: Pope Francis’ Assets
सैलरी त्यागने के बावजूद, पोप फ्रांसिस के पास अपने पद से जुड़े हुए एसेट्स थे। उनकी अनुमानित नेट वर्थ 16 मिलियन डॉलर (1,361,681,920 रुपये) थी। इनमें पोप के तौर पर उन्हें मिलने वाले अलग-अलग एसेट्स शामिल हैं।
इस संपत्ति में उनके अस्पताल में रहने वाली पांच कारें और उन्हें पोप के तौर पर मिलने वाले दूसरे फायदे शामिल हैं। हालांकि, पोप फ्रांसिस उन्हें पोप के तौर पर मिलने वाली सैलरी इस्तेमाल नहीं करते थे, लेकिन उनकी ओवरऑल नेटवर्थ में इसका योगदान जरूर है।
पोप फ्रांसिस का कार्यकाल: Pope Francis’ Tenure
पोप फ्रांसिस का जान्म अर्जेंटीना के जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो में हुआ था। 2013 में पोप बेनेडिक्ट XVI (Pope Benedict XVI) के इस्तीफे के बाद वह इतिहास में पहले लैटिन अमेरिकी पोप बने। अपने पूरे कार्यकाल के दौरान, उन्हें जेसुइट वैल्यू (Jesuit values) के अनुरूप संयमित लाइफस्टाइल के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए पहचान मिली। वेटिकन ने 2001 में पुष्टि की थी कि पोप बनने से पहले भी उन्होंने कभी चर्च से पैसा नहीं लिया था।
कैथोलिक चर्च की धन-दौलत
जहां पोप फ्रांसिस निजी तौर पर सादगी की पहचान हैं, वहीं एक संस्था के रूप में कैथोलिक चर्च के पास अकूत संपत्ति है। चर्च के पास दुनिया भर में बड़ी-बड़ी विशाल संपत्ति है, जो इसकी वित्तीय मजबूती में योगदान करती है। हालांकि, पोप फ्रांसिस के व्यक्तिगत वित्तीय फैसले यानी पैसे को इकट्ठा करने के बजाय विनम्रता और सेवा पर उनके रुख को दर्शाते हैं।