Small Saving Scheme: पीपीएफ (Public Provident Fund) लंबी अवधि के निवेश के लिए एक अच्छा एक विकल्प माना जाता है। यह निवेशकों को एफडी के मुकाबले अधिक ब्याज के साथ आपके रिटायरमेंट प्लानिंग में भी मदद करता है। पीपीएफ में निवेश करने पर आपको इनकम टैक्स की धारा 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपए तक की छूट मिलती है। पीपीएफ में निवेश की शुरुआत महज 500 रुपए प्रतिमाह से की जा सकती है और एक वित्त वर्ष में आप इसमें 1.5 लाख रुपए तक का निवेश कर सकते हैं।
ट्रिपल टैक्स छूट
पीपीएफ उन निवेश उत्पादों में से एक है जो ट्रिपल टैक्स छूट का लाभ प्रदान करता है। इसे सरकार की ओर से ईईई (Exempt- Exempt-Exempt) स्टेटस दिया हुआ है, जिसका मतलब यह है कि इसमें निवेश, संचय और निकासी पर सरकार की ओर से छूट दी जाती है।
छोटी बचत योजनाओं में सबसे अधिक ब्याज दर
अगर कर्मचारी भविष्य निधि पर मिलने वाली ब्याज दर (8.5 फीसदी) की छोड़ दिया जाए, तो मौजूदा समय में छोटी बचत योजनाओं में पीपीएफ पर अन्य के मुकाबले सबसे 7.1 फीसदी की ब्याज दी जा रही है। यह एफडी और पोस्ट ऑफिस पर मिलने वाली ब्याज से अधिक है जोकि 5 से 6 फीसदी के बीच होती है।
पीपीएफ के फायदे
- पीपीएफ की ब्याज दर में बाजार की परिस्थतियों के मुताबिक हर तिमाही में बदलाव किया जाता है। मौजूदा समय में पीपीएफ पर 7.1 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है।
- पीपीएफ पर सरकार की ओर से कोई भी टैक्स नहीं लिया जाता है। इसका मतलब यह है कि पीपीएफ की मैच्योरिटी पर मिले रुपए पर आपको कोई भी टैक्स का भुगतान नहीं करना है।
- एनपीएस में न्यूनतम छह साल का लॉक-इन पीरियड होता है। इसका मतलब यह है कि एक बार निवेश करने पर आपको कम से कम 6 सालों पैसा नहीं निकाल सकते हैं।
- पीपीएफ में आप निवेश शुरू करने के तीन साल बाद इस पर लोन भी ले सकते हैं। हालांकि इसमें आपकी निवेशित राशि के 25 फीसदी तक का ही लोन दिया जा सकता है।