बांड यील्‍ड में 4.3 फीसदी की गिरावट आने की वजह से अमीर निवेशकों की ओर से टैक्‍स फ्री बांड से रुपया निकाला जा रहा है। वहीं इनमें कुछ भारत बांड ईटीएफ में निवेश कर रहे हैं। भारत बांड ईटीएफ में ट्रिपल ए रेटिंग की कंपनियों को शामिल किया गया है। 2030 और 2031 में मैच्योर करने वाले भारत बॉन्ड ईटीएफ में निवेश से टैक्स कटने के बाद 6 फीसदी रिटर्न हासिल किया जा सकता है।

वैसे भारत भारत बॉन्ड ईटीएफ में निवेश करना काफी आसान है और इसकी प्रक्रि‍या भी काफी आसान है। भारत बॉन्ड ईटीएफ को खरीद-फरोख्त एक्सचेंज में की जाती है। जो अपने फंड का निवेश सरकारी कंपन‍ियों के बांड में करता है। बॉन्ड की मैच्योरिटी अवधि फंड की मैच्योरिटी के करीब होती है।

कि‍न लोगों को है निवेश का अध‍िकार : वैसे इस बांड में निवेश करने का अध‍िकार हर किसी को है। कोई भी भारतीय निवानी, एनआरआई या कंपनी, फर्म एवं हिंदू अविभाजित परिवार भारत बॉन्ड ईटीएफ में निवेश कर सकता है। भारत बांड में निवेश करने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना काफी जरूरी है। इसके बिना आप निेवेश नहीं कर सकते हैं।

क्‍या है निवेश के ऑप्‍शन : इंवेस्‍टर्स छोटी और लंबी दोनों अवध‍ि के लिए निवेश कर सकते हैं। अगर बात छो‍टी अवधि‍ के बांड की करें तो इसमें मैच्‍योरिटी 3 से 5 साल होती है। वहीं दूसरी ओर लंबी अवधि के बांड में निवेश की मैच्‍योरिटी 10 साल तक होती है। अगर आप रुपया निकालना चाहते हैं इसमें लॉक इन पीरियड नहीं होता है जिसकी वजह है शेयर बाजार में ट्रेडिंग होना। अगर निवेशक को किसी वजह से रुपया निकालना चाहता है तो वह एक्सचेंज में अपनी यूनिट बेच सकता है। उसी दिन के हिसाब से जो होगा निवेशक को रुपया मिल जाएगा

इन बातों का ध्‍यान रखना है काफी जरूरी : इंवेस्‍टर्स के पास भारत बांड ईटीएफ में निवेश करने का डायरेक्‍ट ऑप्‍शन होता है। निवेश फंड हाउस के भारत बांड फंड ऑफ फंड स्‍कीम में इंवेस्‍ट कर सकता है। हालांकि, भारत बॉन्ड ईटीएफ सरकारी कंपनियों के बांड में निवेश करता है, लेकिन यह किसी तरह के पक्के रिटर्न की गारंटी नहीं देता है।