एक स्मार्ट निवेशक को क्या खास बनाता है? जब सेवानिवृत्ति योजना या लंबी अवधि के निवेश की बात आती है, तो एक स्मार्ट निवेशक उपलब्ध निवेश विकल्पों के साथ अधिक पैसा जमा करने का मैनेज्मेंट करता है। बहुत से लोग मंथली एसआईपी मोड में म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, लेकिन उनमें से कितने लोग अपनी निवेश पद्धति में स्व-अनुशासित हैं और अपनी वार्षिक आय वृद्धि के साथ अपने मासिक एसआईपी में वृद्धि करते हैं?
मंथली एसआईपी में एनुअल स्टेप-अप के फायदे पर बात करते हुए सेबी की ओर से रजिस्टर्ड टैक्स एंड इंवेस्टमेंट एक्सपर्ट जितेंद्र सोलंकी कहते हैं कि यदि कोई एसआईपी निवेशक 25 साल की उम्र में निवेश करना शुरू कर देता है और अपनी रिटायमेंट तक निवेश जारी रखता है, तो वह लंबे 35 साल तक निवेश करेगा। इस अवधि के दौरान निवेशक को कंपाउडिंग का मिलेगा। एनुअल स्टेपअप निवेशक को कंपाउंडिंग के फायदे को बढ़ाने में मदद करता है और एक छोटे से मासिक निवेश के साथ शुरू करने के बाद मोटी रिटायरमेंट मनी के रूप में प्राप्त करता है।
ट्रांसेंड कंसल्टेंट्स में वेल्थ मैनेजमेंट के निदेशक कार्तिक झावेरी के अनुसार अगर कोई 35 साल के लिए म्यूचुअल फंड एसआईपी में निवेश करता है तो उसे सालाना 12 फीसदी से लेकर 16 फीसदी तक रिटर्न हासिल हो सकता है। झावेरी ने कहा कि अगर कोई एसआईपी में निवेश करना शुरू करता है, तो रिडेंप्शन के निवेशक का टरगेट 20 करोड़ से ज्यादा होना चाहिए। क्योंकि निवेश के दौरान और बाद की अवधि के दौरान वार्षिक मुद्रास्फीति को को भी ध्यान में रखने की जरुरत है।
इसे एक उदाहरण से समझने का प्रयास करते हैं। 25 वर्ष की आयु में 14,500 रुपए का मासिक एसआईपी मानते हुए, यदि कोई निवेशक 60 वर्ष की आयु तक निवेश करना जारी रखता है, तो 12 फीसदी वार्षिक रिटर्न पर और 10 फीसदी एनअन स्टेपअप के साथ, निवेशक 22.93 करोड़ रुपए जमा कर पाएंगे। ऐसे में आप रिटायरमेंट के बाद यानी 60 साल की उम्र में असानी से करोड़पति बन सकते हैं। बस आपको अपना निवेश व्यवस्थित तरीके से निवेश करने की जरुरत है।