माइक्रो एसआईपी में आप हर महीने छोटा निवेश कर लंबे समय में लाखों रुपए कमा सकते हैं। यह उन लोगों के लिए महीने में ज्यादा निवेश नहीं कर सकते हैं।इसमें हर महीने 100 रुपए से शुरूआत कर सकते हैं। 30 साल के बाद यही निवेश लाखों रुपए पहुंच जाएगा जो आपके काफी काम आएगा। इस दौरान आपको सालाना 12 फीसदी का ब्याज भी मिलता है।
मौजूदा कोरोना काल में 100 रुपए प्रति माह का निवेश कोई बड़ी रकम नहीं है। आप आराम से महीने के 100 रुपए और साल के 1200 रुपए निकाल सकते हैं। जिसमें 20 साल के बाद 98 हजार रुपए से ज्यादा पा सकते। अब वो आप पर डिपेंड करता है कि आप अपने निवेश को कितने सालों के लिए जारी रखते सकते हैं। आइए आपको भी बताते हैं कि माइक्रो एसआईपी में किस तरह से निवेश अपनी छोटी रकम को मोटी रकम में बदल सकते हैं।
किसे कहते हैं माइक्रो एसआईपी : महीने में 100 रुपए के एसआईपी निवेश को माइक्रो एसआईपी निवेश कहा जाता है। कुछ समय पहले म्यूचुअल फंड रेगुलेटर सेबी ने माइक्रो एसआईपी में इंवेस्ट करने वालों के लिए केवाईसी के नियम को काफी आसान बना दिया है। बिना पैन कार्ड के भी इंवेस्टर्स निवेश कर सकते हैं। इसके लिए दो शर्तों का पालन करना होगा है। साल में कोई भी 50 हजार से ज्यादा का निवेश ना कर रहा हो। साथ नाम और पते के साथ पहचान पत्र देना होगा।
इन डॉक्युमेंट्स की जरुरत पड़ती है : माइक्रो एसआईपी में पैन कार्ड या केवाईसी डॉक्युमेंट की जरुरत नहीं पड़ती है। वैसे आपके पास फोटो आइडेंटिफिकेशन डॉक्युमेंट की फोटोकॉपी, वोटर आईडी या ड्राइविंग लाइसेंस होना जरूरी है। वेरिफिकेशन के लिए ओरिजिनल डॉक्युमेंट्स भी दिखाने होते हैं। माइक्रो एसआईपी के लिए जरूरी डॉक्युमेंट्स की जानकारी एसेट मैनेजमेंट कंपनियों से हासिल की जा सकती है। आईडी प्रूफ के तौर पर जो भी डॉक्युमेंट दे रहे हैं वो पूरी तरह से सही होना चाहिए जिस पर सेल्फ के साइन होना भी जरूरी है। इसके लिए डॉक्युमेंट पर किसी एआरएन होल्डर का साइन भी जरूरी है। जो एम्फी के पास म्यूचुअल फंड डिस्ट्रिब्यूटर के तौर पर रजिस्टर्ड होता है।
कौन लोग कर सकते हैं इंवेस्टमेंट : माइक्रो एसआईपी इंडिविजुअल्स, नॉन रजिडेंट इंडियन, माइनर भी इवेस्ट कर सकते हैं। माइक्रो एसआईपी के लिए एचयूएफ या दूसरी कैटिगरी के इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स को छूट नहीं है। इसमें आपको एकमुश्त रकम करने की छूट नहीं होती है। किसी भी एक फिस्कल ईयर में 50,000 से कम होने पर भी एकमुश्त निवेश लागू नहीं होता। एक से ज्यादा माइक्रो एसआईपी की शुरुआत नहीं की जा सकती है। अगर माइक्रो एसआईपी के डॉक्युमेंट्स गलत या अधूरे हैं तो इंवेस्टर्स को डिफिशिएंसी मेमो मिलेगा और एसआईपी आवेदन रद हो जाएगा।