भारतीय रिजर्व बैंक इस साल के अंत तक डिजिटल करेंसी का मॉडल ला सकता है। केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने शुक्रवार को यह बात कही। उन्होंने इस बात को दोहराया कि केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी पेश करने की संभावनाओं का आकलन कर रहा है। वह इसके विभिन्न पहलुओं मसलन दायरे, प्रौद्योगिकी, वितरण तंत्र तथा अनुमोदन की व्यवस्था पर गौर कर रहा है।
इससे पहले शंकर ने 22 जुलाई को कहा था कि भारत भी फेजवाइज तरीके से डिजिटल करेंसी पर विचार कर रहा है। यह इसके लिए सही समय है। चीन ने पहले ही डिजिटल मुद्रा का परीक्षण के तौर पर प्रयोग शुरू किया है। वहीं बैंक ऑफ इंग्लैंड तथा अमरीका का केंद्रीय बैंक भी इसपर विचार कर रहा है। शंकर ने मौद्रिक समीक्षा के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘डिजिटल मुद्रा लाने की तिथि बताना मुश्किल है। हम निकट भविष्य, संभवत: इस साल के अंत तक इसका मॉडल ला सकते हैं।
इससे पहले 22 जुलाई को शंकर ने कहा था कि इस तरह की मुद्रा आगे चलकर सभी केंद्रीय बैंकों के शस्त्रागार में होगी। केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा पर काफी साल से काम चल रहा है। इस दौरान निजी क्रिप्टोकरेंसी मसलन बिटकॉइन काफी लोकप्रिय हुई है, जो ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी पर आधारित है।
इसी संवाददाता सम्मेलन में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने स्पष्ट किया कि केंद्रीय बैंक निजी डिजिटल मुद्रा को लेकर लगातार चिंतित है और उसने इस बारे में सरकार को अवगत करा दिया है।