लांग टर्म इंवेस्टमेंट में जाने से पहले इंवेस्टर्स के मन में कई तरह के सवाल होते हैं कि निश्चित टेन्योर में कितना रिटर्न मिलेगा। फिर वो ऐसे प्रोडक्ट की तलाश करते हैं कि जिसमें कम जोखिम हो और रिटर्न के मामले में बेहतर हो। वैसे प्रत्येक निवेशक का गोल और टारगेट अलग होता है। जिसके हिसाब से निवेशक इंवेस्टमेंट अमाउंट और रिस्क और टेन्योर डिसाइड करता है। वैसे लांग टर्म इंवेस्टमेंट के कई ऑप्शन अवेलेबल है। जिसमें म्यूचुअल फंड, बैंक एफडी और इक्विटी आदि शामिल है। विशेषज्ञों का कहना है कि निवेश करने से पहले निवेशक को उस प्रोडक्ट के बारे में पूरी जानकारी हासिल करनी चाहिए कि जिसमें वो निवेश करने का मन बना रहा है। आइए आपको भी बताते हैं कि इनके बारे में।
फिक्स्ड डिपॉजिट
विभिन्न बैंकों द्वारा दी जाने वाली फिक्स्ड डिपॉजिट इंवेस्टमेंट पर निश्चित रिटर्न देती है। वैसे निवेश पर रिटर्न तुलनात्मक रूप से कम हो सकता है, लेकिन इस निवेश विकल्प की लोकप्रियता इसलिए है क्योंकि यह फाइनेंशियल स्टेबिलिटी देता है। इसे सुरक्षित निवेश के रूप में भी देखा जाता है। इसे आप रिन्यू भी करा सकते हैं। साथ ही इसमें स्थिरता रहती है, जिसकी वजह से इसे पॉपुलर लांग टर्म इंवेस्टमेंट ऑप्शन बनाता है।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड
पब्लिक प्रोविडेंट फंड एक और सबसे सुरक्षित निवेश विकल्प है, जो लंबी अवधि के निवेशकों निवेश पर ठोस रिटर्न देते हैं। पीपीएफ 15 साल के निश्चित कार्यकाल के साथ आता है जिसे 5 साल के ब्लॉक के लिए दो बार बढ़ाया जा सकता है। हालांकि, पीपीएफ सातवें वर्ष से पार्शियल विड्रॉल की अनुमति देता है। साथ ही इसमें निवेशकों को टैक्स में छूट भी मिलती है।
राष्ट्रीय पेंशन योजना
लंबी अवधि के निवेश की तलाश में निवेशकों के लिए एनपीएस एक और ऑप्शन अवेलेबल है। यह निवेशक को ऑटो और एक्टिव स्कीम के बीच चयन करने की अनुमति देकर लचीलापन प्रदान करता है। यहां पर लॉकइन पीरियड निवेशक की उम्र के आधार पर तय किया जाता है। एनपीएस में निवेश का एक और फायदा यह है कि यह निवेशकों को अपने निवेश से आंशिक निकासी करने की पेशकश करता है।
म्यूचुअल फंड्स
लंबी अवधि में निवेश पर हाई रिटर्न पाने का सबसे बेहतर ऑप्शन है म्यूचुअल फंड है। इस निवेश में भी आपको कई तरह के ऑप्शन मिलते हैं। एक निवेशक को इक्विटी, मनी मार्केट फंड, डेट फंड आदि जैसे विभिन्न उपकरणों के माध्यम से अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने में मदद मिलती है। इसके अलावा अनुभवी फंड मैनेजर हैं, जो निवेशकों को उनके निवेश निर्णय लेने में मार्गदर्शन करते हैं। इसके साथ ही, आसान निवेश, पारदर्शिता और टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड में निवेश के कुछ अन्य फायदे हैं।
इक्विटी
लोग जानते हैं कि इक्विटी में निवेश जोखिम भरा है, हालांकि, जितना अधिक जोखिम उतना अधिक रिटर्न। इस निवेश विकल्प के साथ, निवेश के लिए कोई न्यूनतम अवधि नहीं है। उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है, हालांकि यह एक जोखिम भरा निवेश विकल्प है, कई निवेशक डायरेक्ट इक्विटी को एक आदर्श लांग टर्म इंवेस्टमेंट ऑप्शन मानते हैं, खासकर उनके द्वारा दिए जाने वाले उच्च रिटर्न के कारण। बाजार की अस्थिरता और इसमें शामिल उच्च जोखिमों के कारण, शेयर बाजारों में निवेश करने से पहले उनका विश्लेषण करने का सुझाव दिया जाता है।