Mutual Fund SIP: महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन के बारे में कौन नहीं जानता. विज्ञान के दुनिया में उन्होंने लोगों को आसान शब्दों में एनर्जी के बार में बताया. आइंस्टीन ने कहा एनर्जी कुछ और नहीं बल्कि द्रव्यमान यानी मास और उसकी स्पीड वेलोसिटी का ही बदला हुआ रूप है. सदी के सबसे इंटेलिजेंट वैज्ञानिक के एक कथन को वित्त जगत में भी सराहा जाता है. उन्होंने चक्रवृद्धि ब्याज यानी कंपाउंडिंग को आठवां अजूबा बताया था. चक्रवृद्धि ब्याज यानी कंपाउंड इंटरेस्ट पर उनकी टिप्पणी आज भी कई निवेशकों पर सटीक बैठती है. आइंस्टीन ने कहा था कि अगर कोई निवेशक थोड़ा-थोड़ा करके निवेश करें, तो एक समय के बाद उसके पास अपार धन हो सकता है. एसआईपी में निवेश भी कई मामलों में इस कथन पर सच साबित हुई है.

म्यूचुअल फंड में निवेश के दो विकल्प हैं. अगर कोई म्यूचुअल फंड में एक लाख रुपये निवेश करना चाहता है, तो वह एक साथ पैसे लगा सकता है या फिर एसआईपी विकल्प के माध्यम से एक निश्चित समय अंतराल में थोड़ा-थोड़ा करके किस्तों में निवेश कर सकता है. करियर की शुरूआती स्टेज में आमतौर पर कम इनकम होती है. इस स्टेज वाले लोगों के बीच एसआईपी निवेश एक लोकप्रिय विकल्प है. एसआईपी निवेशकों को मंथली आधार पर एक निश्चित रकम निवेश करने की अनुमति देता है. कोई भी शख्स सिर्फ 100 रुपये प्रति माह की रकम से एसआईपी शुरू कर सकता है.

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क्या है SIP?

एसआईपी (SIP) एक इनवेस्टमेंट स्कीम है, जिसमें थोड़ी-थोड़ी रकम निवेश की जा सकती है. इस योजना के जरिए म्यूचुअल फंड में आसानी से निवेश किया जा सकता है. अगर किसी की मंथली इनकम कम है, तो वे भी इसमें निवेश कर सकते हैं. इस योजना में साप्ताहिक, मासिक, तिमाही, अर्धवार्षिक और वार्षिक में निवेश किया जा सकता है. अपनी इनकम के हिसाब से एसआईपी तय किया जा सकता है, इससे एसआईपी निवेशक अच्छी बचत कर सकते हैं.

SIP में निवेश के लिए अपनाएं ये फार्मूला

मान लीजिए कि आप 20 साल की उम्र में 10,000 रुपये के मंथली सैलरी के साथ नौकरी शुरू करते हैं और अपने पैरेंट्स के साथ रह रहे हैं, इस प्रकार घर के किराए पर लगने वाले खर्च से बचते हैं, जो खासकर शहर में रहने पर एक महत्वपूर्ण रकम बचा सकता है. म्यूचुअल फंड SIP इतने कम वेतन के साथ भी निवेश करने का विकल्प देता है. बस इसके लिए आपको 50:20:20:10 फॉर्मूले का पालन करना है.

इस फॉर्मूले का इस्तेमाल करते हुए, अपने सैलरी का 50 फीसदी हिस्सा रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए खर्च करते हैं. 20 फीसदी हिस्से को खरीदारी, मनोरंजन जैसी गतिविधियों के लिए रखते हैं, लंबी अवधि वाले लक्ष्य जैसे नई कार या संपत्ति खरीदने के लिए बेहतर रिटर्न वाले सेविंग स्कीम में निवेश के लिए 20 फीसदी हिस्से को अलग रखें. बाकी बचे 10 फीसदी का इस्तेमाल म्यूचुअल फंड एसआईपी शुरू करने के लिए किया जा सकता है.

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सिर्फ 1000 रुपये का SIP ऐसे बनाएगा आपको करोड़पति

अगर आप 20 साल की उम्र में 10,000 रुपये के मंथली सैलरी से करियर की शुरूआती करते हैं और अपनी इनकम का 10 फीसदी हिस्सा यानी 1,000 रुपये म्यूचुअल फंड एसआईपी में निवेश करते हैं और आपको 12 फीसदी का रिटर्न मिलता है, जो पिछले दशक में इक्विटी सेगमेंट में म्यूचुअल फंड के प्रदर्शन के आधार पर एक औसतन रिटर्न रहा है, तो 60 साल की उम्र में रिटायरमेंट की आयु तक करोड़पति बन सकते हैं. 15 फीसदी के रिटर्न रेट पर 1,000 रुपये की एसआईपी आपको 1,19,000,00 रुपये तक ले जा सकती है. यह कंपाउंडिंग की शक्ति है. सैलरी इक्रीमेंट होने के साथ अगर आप हर साल एसआईपी में 10 फीसदी का इजाफा करते हैं, तो 40 सालों में इस नियमित निवेश के जरिए रिटायरमेंट की आयु तक 3.5 करोड़ रुपये का फंड बना सकते हैं.

हालांकि, अगर आपकी शुरुआती एसआईपी 3,000 रुपये की है और आप अगले 40 सालों तक म्यूचुअल फंड SIP में निवेश करते हैं. इसके अलावा हर साल इसमें अपना योगदान 10 फीसदी बढ़ाते जाते हैं, तो रिटायरमेंट की उम्र तक औसतन 12 फीसदी रिटर्न के हिसाब से आपका फंड 10.5 करोड़ रुपये हो जाएगा. इस तरह से पाई-पाई निवेश करके आप करोड़पति बनने के सपने को साकार कर सकते हैं. आपकी इस यात्रा में कंपाउंडिंग का अहम का रोल होगा.