जैसे-जैसे प्रापर्टी की कीमतें बढ़ रही हैं लोगों के बीच ज्वॉइंट होम लोन की मांग बढ़ रही है. महंगाई के बीच खुद के घर का मालिक बनने की चाह रखने वाले लोगों के बीच फंड का इंतजाम करने के लिए ज्वॉइंट होम लोन (joint home loans offer) काफी लोकप्रिय हो रही है. इस विकल्प की बढ़ रही लोकप्रियता का कारण वित्तीय लचीलापन यानी फाइनेंशियल फ्लेक्सिबिलिटी है. ज्वॉइंट होम लोन में एक से अधिक आवेदक शामिल होते हैं और ये सभी लोग कर्ज चुकाने के लिए भी जिम्मेदार होते हैं. इस विकल्प पर आगे बढ़ने से पहले जरूरी पहलुओं को समझ लेनी चाहिए. अगर आप खुद का घर खरीदने के लिए ज्वॉइंट होम लोन विकल्प की मदद लेना चाहते हैं, तो इस पर आगे बढ़ने से पहले इन जरूरी बातों को यहां समझ लें.

लोन के लिए अप्लाई करने से पहले उपयुक्त आवेदकों का करें चयन

ज्वॉइंट होम लोन के लिए अप्लाई करने से पहले उपयुक्त आवेदकों की पहचान करना जरूरी है. बैंक या वित्तीय संस्थान की पात्रता लिस्ट में पति-पत्नी, माता-पिता, भाई-बहन या यहां तक ​​की बच्चे भी सह-आवेदक यानी को-अप्लिकेंट के रूप में हो सकते हैं. लोन रकम तय करने के लिए बैंक सभी आवेदकों की सामूहिक रूप से आय और रिपेमेंट कैपेसिटी का मूल्यांकन करते हैं.

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आवेदकों का बेहतर क्रेडिट स्कोर हो सकता है मददगार

हर एक आवेदक का क्रेडिट स्कोर लोन अप्रूबल और इंटरेस्ट तय करने में अहम भूमिका निभाता है. आवेदकों का बेहतर क्रेडिट स्कोर लोन अप्रूवल की संभावना बढ़ाता है. इसके अलावा स्थिर एप्लॉयमेंट हिस्ट्री, रेगुलर इनकम और लिए गए लोन का वक्त पर रिपेमेंट बेहतर वित्तीय प्रोफाइल को दर्शाता है.

लोन अमाउंट और रिपेमेंट स्ट्रक्चर समझ लें

अकेले की तुलना में सामूहिक रूप से लोन के लिए अप्लाई करने वाले आवेदक कंबाइन्ड इनकम के चलते आमतौर पर अधिक लोन अमाउंट का लाभ उठा सकते हैं. ऐसी स्थिति में सामूहिक आवेदकों को वित्तीय तनाव से बचने के लिए अपनी रिपेमेंट कैपेसिटी को ध्यान में रखकर कर्ज लेना चाहिए.

बैंक बाजार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी कहते हैं कि सहज लोन सर्विस के लिए सभी आवेदकों को आपस में लोन से जुड़े मंथली किस्त, टेन्योर सहित रिपेमेंट स्ट्रक्टर जैसे जरूरी पहलुओं के बारे में समझकर और उन सभी पर चर्चा करके फैसले पर आगे बढ़ना चाहिए.

साझा मालिकाना हक और कानूनी पहलुओं पर कल लें विचार

ज्वॉइंट होम लोन आवेदक आम तौर पर प्रापर्टी में बराबर के हकरदार होते हैं. वे सभी वक्त पर लोन चुकाने के भी जिम्मेदार होते हैं. विवाद या लोन डिफॉल्ट के मामले में प्रापर्टी के मालिकाना हक और अधिकार जैसे कानूनी पहलुओं को समझना जरूरी है. इसके लिए विश्वसनीय वित्तीय सलाहकारों से सलाह या कानून के जानकारों की मदद ली जा सकती है.

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ब्याज दर और लोन से जुड़ी खूबियों के बारे में जान लें

विभिन्न बैकों या वित्तीय संस्थाओं द्वारा जारी किए जाने वाले लोन के ब्याज दर, प्रोसेसिंग फीस, टेन्योर से पहले लोन रकम चुकाने के चार्ज और अन्य जरूरी पहलुओं सुविधा की आपस में तुलना करनी चाहिए. इस चरण के बाद कम से कम ब्याज लेने और फ्लेक्सिबिल रिपेमेंट विकल्प देने वाले बैंक या वित्तीय संस्थान के लोन विकल्प को चुनना चाहिए. कुछ बैंक महिला आवेदकों के लिए ब्याज दर में रियायत या अतिरिक्त सुविधा जैसे लाभ देते हैं.

लोन इंश्योरेंस पर कर लें विचार

नौकरी चली जाने, विकलांगता या किसी आवेदक की मृत्यु जैसी अप्रत्याशित परिस्थितियों से सुरक्षा के लिए लोन इंश्योरेंस चुनने पर विचार कर लेना चाहिए. ये इंश्योरेंस पॉलिसी बकाया लोन रकम को कवर करने में मददगार साबित हो सकती हैं और बाकी आवेदकों और उनके परिवारों को वित्तीय सुरक्षा दे सकती हैं.

कागजी कार्यवाही और कानूनी प्रकिया के बारे में जान लें

लोन एप्लिकेशन प्रोसेस के दौरान इनकम प्रूफ, आईडी प्रूफ, प्रापर्टी डाक्युमेंट्स और को-एप्लिकेंट एग्रीमेंट सहित सभी जरूरी दस्तावेज एक क्रम में होना चाहिए. सभी जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराने और कानूनी औपचारिकताओं पूरी कर लेने पर लोन अप्रूवल में तेजी आ सकती है.

ज्वॉइंट लोन विकल्प पर आगे बढ़ने से पहले उसकी पात्रता, वित्तीय स्थिरता, कानूनी पहल, लोन की खासयतों और सुरक्षा उपायों जैसे कारकों पर विचार करके सभी आवेदन की प्रक्रिया को सुचारू रूप चला सकते हैं और खुद के सपनों के घर का मालिक बनने की आकांक्षाएं पूरी कर सकते हैं. वित्तीय सलाहकारों से सलाह और तमाम बैंकों के लोन ऑफर की आपस में तुलना करने पर सही फैसले लेने में मदद मिल सकती है.