देश की बड़ी आईटी कंपन‍ियों में से एक इंफोसिस का शेयर बायबैक ऑफर आज से शुरू हो रहा है। जिसके तहत शेयर होल्‍डर्स को अच्‍छी कमाई का मौका मिल सकता है। अगर किसी के पास 100 शेयर हैं तो वो इस ऑफर का फायदा उठाकर 20000 रुपए का फायदा उठा सकता है। वास्‍तव में इंफोसिस बायबैक ऑफर के तहत 9200 करोड़ रुपए के शेयर खरीद रही है। जिससे निवेशकों को अच्‍छा रिटर्न मिलने की उम्‍मीद की जा रही है।

देश की आईटी कंपनी 9200 करोड़ रुपए का बायबैक ऑफर लेकर आई है। जिसकी शुरुआत आज से हो रही है। इंफोसिस की घोषणा के अनुसार शेयर होल्‍डर को 1750 रुपए प्रति शेयर के रूप में मिलेंगे। यानी प्रति शेयर 200 रुपए ज्‍यादा। जबकि एक दिन पहले 24 जून को कंपनी का शेयर 1556 रुपए बंद हुआ था। वहीं जिन लोगों ने पहले शेयर को सस्‍ते भाव में खरीदा था उन्‍हें इस ऑफर से बड़ा फायदा होने की उम्‍मीद है। कंपनी की ओर से इस बायबैंक ऑफर की जिम्‍मेदारी कोटक महिंद्रा कैपिटल सौंपी है।

दो महीने में दूसरी बार बायबैक ऑफर : यह बायबैक ऑफर दो महीनों में दूसरी बार है। इंफोसिस इससे पहले अप्रैल 2021 में 9200 रुपए का ही बायबैक ऑफर लेकर आई थी। उससे पहले अगस्त 2019 में कंपनी की ओर से 8260 करोड़ रुपए का बायबैक ऑफर आया था। कंपनी का पहला शेयर बायबैक ऑफर दिसंबर 2017 में 13,000 करोड़ रुपए में आया था। इसमें कंपनी ने 1150 रुपए प्रति इक्विटी के भाव पर 11.3 करोड़ शेयर बायबैक किए थे।

दिसंबर तक का है समय : इंफोसिस का बायबैक ऑफर आज यानी 25 जून से शुरू हो चुका है। अगर आपके पास भी इंफोसिस का शेयर है तो आप दिसंबर तक इस ऑफर का फायदा उठा सकते हैं। अगर कंपनी को तमाम शेयर इस डेट से पहले मिल गए तो ऑफर पहले भी बंद हो सकता है। कंपनी कम से कम 4600 रुपए करोड़ रुपए के शेयर इस बायबैक ऑफर के तहत जरूर खरीदेगी।

किसे कहते हैं शेयर बायबैक : जब कोई भी कंपनी अपने शेयरों को निवेशको से खरीदने के लिए बोलती है तो उसे बायबैक कहा हजाता है। इसके लिए दो तरीकों का इस्‍तेमाल होता है। पहला तरीका है टेंडर ऑफर और दूसरा है ओपन मार्केट । कंपनी बायबैक का ऑफर तब लेकर आती है जब उसकी बैलेंसशीट में एक्‍स्‍ट्रा कैश होता है। जिसको खपाने के लिए कंपनी बायबैक ऑफर के तहत शेयर खरीदती है।

क्‍या पड़ता है शेयरों पर असर : बायबैक ऑफर से कंपनी और उसके शेयर पर कई तरह से असर देखने को मिलता है। शेयर बाजार में ट्रेडिंग के लिए मौजूद कंपनी शेयरों की संख्‍या में गिरावट आती है। जिससे प्रति शेयर आय में इजाफा होने के साथ पीई बढ़ जाता है।