अब देश में सरकारी बैंकों का मर्जर आम हो चला है। प्रत्येक तीन से चार महीनों में किसी बैंक का दूसरे बैंक में मर्जर होने की खबर आ ही जाती है, लेकिन इस पूरे प्रोसेस के बाद आम कस्टमर्स की सिरदर्दी बढ जाती है। कारण है कि मर्ज होने वाले बैंक की सभी डॉक्युमेंट्स और कोड चेंज हो जाते हैं, जिसकी जरुरत उस बैंक के कस्टमर्स को पडती है। जिसकी वजह से कस्टमर्स को बैंक की ओर समय दिया जाता है। ऐसा ही समय इलाहाबाद बैंक कस्टमर्स को दिया गया है।
जानकारी के अनुसार इलाहाबाद बैंक का चेकबुक और एमआईसीआर कोड 1 अक्टूबर से पूरी तरह से बदल जाएंगे। वैसे इलाहाबाद बैंक का मर्जर इंडियन बैंक में 1 अप्रैल 2020 में ही हो चुका है। तब से लेकर अब तक इलाहाबाद बैंक की सभी ब्रांच इंडियन बैंक की ब्रांच के तौर पर काम कर रही हैं। वहीं देश के सबसे पुराने बैंकों में से एक इलाहाबाद बैंक के सभी कस्टमस्र इंडियन बैंक के कस्टमर्स बन चुके हैं।
इंडियन बैंक की ओर आई सूचना : इंडियन बैंक की ओर से किए गए ट्वीट के अनुसार इलाहाबाद बैंक का एमआईसीआर कोड और चेकबुक 30 सितंबर 2021 तक ही अप्रूव्ड रहेगा। 1 अक्टूबर 2021 के बाद से इलाहाबाद बैंक की दोनों चीजें इनवैलिड हो जाएंगी। अब कस्टमर्स को ट्रांजेक्शन में किसी तरह की परेशानी ना आएं एक अक्टूबर से नई चेकबुक इश्यू करा लें। साथ ही नया एमआईसीआर कोड भी ले लें।
इस तरह से कर सकते हैं अप्लाई : इंडियन बैंक की ओर से दी गई सूचना के अनुसार नई चेकबुक के लिए कस्टमर्स को अपने नजदीकी बैंक ब्रांच में जा सकते हैं। या इंटरनेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग के थ्रू भी अप्लाई कर सकते हैं। लेकिन आपको यह काम 1 अक्टूबर से पहले करना पडेगा। एमआईसीआर कोड चेक पर अंकित होता है।
इन बैंकों का हो चुका है मर्जर : एक अप्रैल 2020 से इलाहाबाद और इंडियन बैंक के साथ कुछ और बैंकों का भी मर्जर हुआ है। ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया मर्जर पीएनबी में भी हुआ था। सिंडिकेट बैंक का मर्जर केनरा बैंक में देखने को मिला था। आंध्रा बैंक व कॉरपोरेशन बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में विलय हो चुका है। इससे पहले 1 अप्रैल 2019 को देना और विजया बैंक का विलय बैंक ऑफ बड़ौदा में देखने को मिला था।