How to Build Rs 1 Crore Corpus: अगर आप बेहतर फाइनेंशियल प्लानिंग के जरिए अपने लिए 1 करोड़ रुपये का कॉर्पस जुटाना चाहते हैं, तो सिर्फ पैसे बचाने से काम नहीं चलेगा. इसके लिए आपको अपनी बचत को सही तरीके से और सही जगह पर निवेश भी करना होगा. साथ ही इसके लिए आपके पास 1 करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल करने का एक डिटेल रोडमैप भी होना चाहिए, ताकि आप लगातार इस बात की जांच कर सकें कि आप अपने तय किए रास्ते पर सही ढंग से बढ़ रहे हैं या नहीं. 8-4-3 का नियम ( Rule of 8-4-3) आपको एक ऐसा ही रोडमैप मुहैया कराता है, जिस पर चलकर आप अपने लक्ष्य तक आसानी से पहुंच सकते हैं. 

ऐसे जमा होंगे 1 करोड़ रुपये 

8-4-3 के नियम को आप 1 करोड़ रुपये जमा करने की टाइमलाइन भी समझ सकते हैं. जिसके तीन अहम पड़ाव हैं – जिनमें से पहला 8 साल बाद, दूसरा उसके 4 साल बाद और तीसरा उसके 3 साल बाद आता है. इस नियम के मुताबिक अगर आप 12 फीसदी सालाना कंपाउंडिंग इंटरेस्ट (yearly compounding interest) देने वाली स्कीम में हर महीने 21,250 रुपये जमा करेंगे, तो 8 साल में 33.37 लाख रुपये जमा हो जाएंगे. यह 1 करोड़ रुपये का कॉर्पस जुटाने के रास्ते पर आपका पहला पड़ाव होगा. हर महीने 21,250 रुपये जमा करने का सिलसिला लगातार जारी रखें, तो उसके बाद और 33 लाख रुपये आप सिर्फ 4 साल में जुटा लेंगे. यह 1 करोड़ रुपये जुटाने की दिशा में आपका दूसरा पड़ाव होगा. और फिर बाकी करीब 33 करोड़ रुपये आप अगले 3 साल में ही जुटा लेंगे. इस तरह 8+4+3 = 15 साल में आप अपना लक्ष्य हासिल कर लेंगे. 15 साल के इस कैलकुलेशन को थोड़ा विस्तार से समझते हैं :

1 करोड़ रुपये जुटाने की टाइमलाइन

एनुअल कंपाउंडिंग रिटर्न  : 12%

मंथली डिपॉजिट :  21,250 रुपये

8 साल बाद में जमा राशि : 33.76 लाख रुपये

8+4 यानी 12 साल में जमा राशि : 66.24 लाख रुपये

12+3 यानी 15 साल में जमा रकम : 1.02 करोड़ रुपये

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15 साल बाद और तेजी से बढ़ेगी रकम

15 साल में 1 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य हासिल करने के बाद भी अगर आप 21,250 रुपये का मंथली डिपॉजिट जारी रखते हैं, 21 साल पूरे होने आपके पास 2.22 करोड़ रुपये का कॉर्पस इकट्ठा हो जाएगा. यानी 1 करोड़ रुपये से 2 करोड़ 22 लाख रुपये तक पहुंचने में आपको सिर्फ 6 साल लगेंगे. और 22वें साल में तो सिर्फ 12 महीने में ही आप और 33 लाख रुपये जुटा पाएंगे. यह सारा कैलकुलेशन एनुअली कंपाउंडिंग इंटरेस्ट के आधार पर किया है.

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कहां मिलेगा 12% सालाना रिटर्न

1 करोड़ रुपये जुटाने का पूरा कैलकुलेशन आपके निवेश पर 12 प्रतिशत कंपाउंडिंग रिटर्न मिलने पर टिका हुआ है. लेकिन सवाल ये है कि इतना रिटर्न मिलेगा कहां? किसी अच्छे इक्विटी फंड में एसआईपी (SIP) के जरिए निवेश करना इतना रिटर्न पाने का एक बेहतर तरीका हो सकता है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़े बताते हैं कि सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाले देश के टॉप 10 लार्ज कैप फंड्स ने पिछले 10 साल में करीब 14.5% से 17.5% तक सालाना रिटर्न दिया है. इसी तरह टॉप 10 इंडेक्स फंड्स का पिछले 10 साल का एनुअल रिटर्न भी करीब 13% से 16% फीसदी के बीच रहा है. वहीं टॉप 10 लार्ज एंड मिडकैप फंड्स का पिछले 10 साल का रिटर्न तो 17% से 23% तक है. आप अपने निवेश को इन सभी कैटेगरी के इक्विटी फंड्स में बांटकर पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई कर सकते हैं. साथ ही मार्केट रिस्क को बैलेंस करने के लिए पोर्टफोलियो का कुछ हिस्सा कम रिस्क वाले कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड्स, इक्विटी सेविंग फंड्स और फिक्स्ड रिटर्न वाले ऑप्शन्स में भी लगा सकते हैं. इन कैटेगरी की टॉप स्कीम्स का एवरेज एनुअल रिटर्न भी पिछले 10 साल में 8% से 11% तक रहा है. अगर आप इस तरीके से प्लानिंग करके नियमित निवेश करेंगे तो पूरे पोर्टफोलियो पर औसतन 12 फीसदी का एनुअल रिटर्न हासिल करना असंभव नहीं है, जिससे आप अपना 1 करोड़ रुपये जुटाने का सफर कामयाबी के साथ पूरा कर सकते हैं.