भारत में क्रि‍प्‍टोकरेंसी मार्केट लगातार बढ़ता जा रहा है। खासकर एलन मस्‍क की फेवरेट क्रिप्‍टोकरेंसी बिटकॉइन पर भारतीयों को सबसे ज्‍यादा भरोसा है। इसलिए उन्‍होंने बिटकॉइन पर सबसे ज्‍यादा दांव भी खेला है। खास बात तो ये है कि दूसरे देशों के मुकाबले भारत ने काफी तेजी के साथ क्रि‍प्‍टोकरेंसी को अपना लिया है। इस मामले में भारत ने अमरीका और चीन जैसे देशों को पीछे छोड़ दिया है। आपको बता दें क‍ि मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्‍टोकरेंसी ट्रेडिंग पर बैन को हटा दिया था, जिसे रिजर्व बैंक ऑफ इंडि‍या की ओर से लगाया गया था। आइए आपको भी बताते हैं कि आखि‍र इस मामले में किस तरह की रिपोर्ट सामने आई है।

जारी हुई रिपोर्ट
वास्‍तव में ब्लॉकचेन डेटा प्लैटफॉर्म चेनालिसिस ने ग्‍लोबल क्रि‍प्‍टो अडॉप्‍शन इंडेक्‍स 2021 जारी किया है। जिसमें कई दिलचस्‍प बातें सामने निकलकर आई हैं। इंडेक्‍स में पहले पायदान पर वियतनाम और दूसरे नंबर भारत है। वहीं अमरीका, ब्रि‍टेन, चीन जैसे बड़े देश पीछे ठू गए हैं। कुल 154 देशों की लिस्‍ट जारी की गई है। रिपोर्ट के अनुसार जून 2020 से जुलाई 2021 के बीच क्रिप्टोकरेंसी के अडॉप्‍शन में 880 फीसदी की तेजी देखने को मिली है। जबकि 2019 में अक्टूबर से दिसंबर के बीच इसमें 2300 फीसदी का उछाल देखने को मिला था।

भारत को पसंद है मस्‍क की फेवरेट क्रि‍प्‍टोकरेंसी
अमरीकी रिचर्स फर्म फाइंडर की ओर से जुलाई में एक सर्वे किया गया था, जिसमें 47 हजार से ज्‍यादा लोगों को शामिल किया। इस सर्वे में 30 फीसदी इंडियन यूजर्स ने क्रिप्टोकरेंसी इंवेस्‍टमेंट को एक्‍सेप्‍ट किया। फाइंडर के अलुसार भारत में बिटकॉइन सबसे ज्‍यादा पॉपुलर है। जिसके बाद रिप्‍पल, इथेरियम और बिटकॉइन कैश का नंबर आता है। वहीं क्रिप्टो रेमिटेंस के मामले में भारत दुनिया का नंबर वन देश है।

छोटे शहरों में ज्‍यादा देखने को मिल रही है द‍िलचस्‍पी
जानकारों की मानें तो बड़े शहरों के साथ छोटे शहरों में भी क्र‍िप्‍टोकरेंसी ट्रेडिंग में इजाफा हुआ है। खासकर टि‍यर-2 और टि‍यर-3 शहरों में ज्‍यादा दिलचस्‍पी देखने को मिली है। ऐसे ट्रेडर्स की संख्‍या में 2648 फीसदी का उछाल देखने को मिला है। खास बात तो ये है कि छोटे शहर की महिलाएं भी डिजिटल असेट में निवेश करने लगी हैं। क्रि‍प्‍टो एक्‍सचेंज वजीर एक्‍स की ओर से जारी हुए आंकड़ों के अनुसार उसके प्लैटफॉर्म पर 73 लाख क्रिप्टो यूजर्स और पिछले एक साल में 21.8 बिलियन डॉलर से ज्‍यादा की ट्रेडिंग देखने को मिली है।