बीते कुछ हफ्तों से क्रिप्टोकरेंसी मार्केट से निवेशकों को जो फायदा हुआ था वो एक ही दिन में डूब गया। जहां बिटकॉइन में करीब 17 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। वहीं दूसरी ओर इथेरियम जैसी कीमती करेंसी भी 13 फीसदी से ज्यादा गिरावट देखने को मिली। वहीं दूसरी ओर डॉगेकॉइन के अलावा दुनियाभर की कई क्रिप्टोकरेंसी क्रैश हो गई। जानकारों की अनुसार ब्लॉक संबंधित कंपनियों के शेयरों में गिरावट और प्रमुख रूप से एल सल्वाडोर में बिटकॉइन में ट्रेडिंग होने में देरी की वजह से क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में भूचाल आया है।
क्यों आई गिरावट
वास्तव में बिटकॉइन में गिरावट मंगलवार से ही आनी शुरू हो गई थी जब अल सल्वाडोर बिटकॉइन को लीगल टेंडर के रूप में अपनाने वाला पहला देश बन गया था, जिसके बाद देश में विरोध शुरू हो गया। वहीं दूसरी ओर ब्लॉकचेन से संबंधित फर्मों के शेयरों में भी गिरावट आई क्योंकि क्रिप्टो स्टॉक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म आउटेज से प्रभावित हुए। वहीं सबसे बड़ी वजह यह रही कि अल सल्वाडोर सरकार ने बिटकॉइन की डिमांड से निपटने के लिए अस्थाई रूप से एक डिजिटल वॉलेट को अनप्लग कर दिया।
बिटकॉइन में 17 फीसदी तक गिरावट
बीते 24 घंटे में बिटकॉइन 17 फीसदी तक नीचे आ चुका है। मंगलवार को बिटकॉइन के दाम 51629.75 डॉलर पर पहुंच गए थे, जो आज कारोबारी सत्र के दौरान 42921.27 डॉलर पर पहुंच गए। जबकि मौजूदा समय में बिटकॉइन के दाम 11 फीसदी की गिरावट के साथ 45841 डॉलर पर कारोबार कर रहा है। वहीं दूसरी ओर इथेरियम में 13 फीसदी की गिरावट देखने को मिल रही है, जिसके बाद दाम 3322 डॉलर पर आ गए हैं। जबकि 24 घंटे पहले करेंसी की कीमत 3792 डॉलर पर थी। वहीं हाल ही में फोकस में आई डॉगेकॉइन की कीमत में भी 15 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल रही है। जिसकी वजह से दाम 0.2449 डॉलर पर कारोबार कर रही है।
इन करंसीज का भी बुरा हाल
वहीं दूसरी बाकी करेंसी की बात करें तो बिनांस कॉइन में 16 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल रही है। जबकि एक्सआरपी के दाम में 19 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। पोल्काडॉट में 20 फीसदी की गिरावट है। यूनिस्वैप में 17 फीसदी की गिरावट है। लाइट कॉइन की बात करें तो 16 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रही है। पॉलिगन में 19 फीसदी की गिरावट है। थेटा में 25 फीसदी की गिरावट देखने को मिल रही है।
