यह साल का वही समय है, जब हर कोई अपना इनकम टैक्स रिटर्न भरने में व्यस्त है। वैसे लास्ट डेट नजदीक आ रही है, इसलिए 30 सितंबर, 2021 से पहले आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करना काफी जरूरी है। असेसमेंट ईयर 2021-22 के लिए आईटीआर दाखिल करने से पहले आइए समझते हैं कि प्रोविडेंट फंड और ग्रेच्युटी जैसे रिटायरमेंट बेनिफिट्स टैक्सेबल है या नहीं।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अनुसार रिटायमेंट के बाद एक सरकारी कर्मचारी के हाथ में आने वाली ग्रेच्युटी और प्रोविडेंट फंड की रकम टैक्सेबल नहीं होती है। वहीं प्राइवेट कंपनी में जॉब करने वाले कर्मचारी के रिटायरमेंट के बाद ग्रेच्युटी पर लिमिट लगी हुई है कि जिसके तहत वो टैक्सेबल नहीं होता है। उसके बाद उसमें टैक्स लगाया जाता है। वहीं अगर किसी ने पांच साल लगातार किसी कंपनी में काम किया है तो वो प्रोविडेंट फंड में टैक्स नहीं लगता है।
आईटी विभाग के अनुसार असेसमेंट ईयर 2022-23 में पिछले वर्ष के दौरान मान्यता प्राप्त और वैधानिक भविष्य निधि में अर्जित ब्याज आय के लिए कर्मचारियों द्वारा किए गए योगदान से संबंधित सीमा तक कोई छूट उपलब्ध नहीं होगी। पिछले साल कर्मचारी द्वारा किया गया यह योगदान 2.50 लाख से से ज्यादा हो।
हालांकि, अगर कोई कर्मचारी फंड में योगदान दे रहा है लेकिन इंप्लॉयर द्वारा इस तरह के फंड में कोई योगदान नहीं है, तो पिछले वर्ष के दौरान अर्जित ब्याज आय उस हद तक कर योग्य होगी, जो कर्मचारी द्वारा उस फंड में किए गए योगदान से संबंधित है। यह रकम एक वित्तीय वर्ष में 5,00,000 रुपए से अधिक होना चाहिए।
वहीं पेंशन से होने वाली इनकम टैक्सेबल होती है। लेकिन संयुक्त राष्ट्र संगठन से प्राप्त पेंशन पर छूट है। इसी तरह, पारिवारिक पेंशन से होने वाली आय टैक्सेबल नहीं होती है। वहीं दूसरे सोर्स से होने वाली इनकम टैक्सेबल होती है।