अब केंद्र सरकार ऐसे कर्मचारियों को नोटिस कर रही है जिन्होंने हाउस बिल्डिंग एडवांस का तो फायदा लिया, लेकिन तय नियमों और शर्तों का पालन नहीं किया। ऐसे कर्मचारियों की लिस्ट तैयार होने के बाद उन पर कार्रवाई भी जाएगी। आपको बता दें कि केंद्र अपने कर्मचारियों को मकान के निर्माण के लिए हाउस बिल्डिंग एडवांस की सुविधा देती है। जिसके तहत कर्मचारियों को रुपया दिया जाता है।
सरकार करेगी कार्रवाई : एचबीए के तहत आने वाले नियमों और शर्तों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ केंद्र सरकार की ओर से कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। वास्तव में जिन लोगों ने मकान या फ्लैट निर्माण के लिए एचबीए स्कीम से रुपया लिया है उनको एचबीए- 2017 के रूल 7बी के नियम का सख्ती से पालन करना होता है। ऐसा ना करने पर कर्मचारियों पर कार्रवाई का भी प्रावधान किया गया है। डिपार्टमेंट ऑफ पोस्ट की ओर से सभी सर्किल में नोटिस जारी किया है। जिसमें इस आदेश को तत्काल प्रभाव से अमल में लाने को कहा गया है।
क्या है सबसे बडा नियम : वास्तव में इस योजना के तहत सबसे बडा नियम या शर्त है एचबीए- 2017 के रूल 7बी। जिसके तहत एचबीए लेने वाले इंप्लॉयज को अपने मकान का इंश्योरेंस कराना होता है, जिसका खर्च कर्मचारी को खुद ही वहन करना होता है। खास बात तो ये है कि इंश्योरेंस की रकम एचबीए की राशि के बराबर होना जरूरी है। जानकारी के अनुसार नियमों के मुताबिक इंश्योरेंस इरडा से मान्यता प्राप्त इंश्योरेंस कंपनियों से लेना होगा। साथ ही पॉलिसी की कॉपी को अपने डिपार्टमेंट में जमा कराना होगा।
इंश्योरेंस में क्या होगा कवर : घर का इंश्योरेंस कराने पर कई चीजों को कवर मिलता है। घर में आग लगने, बाढ़ और बिजली से होने वाला नुकसान भी इंश्योरेंस में कवर होता है। यह पॉलिसी तब तक चलती रहती है जब तक कर्मचारी एडवांस का भुगतान नहीं कर देता है। सभी डिपार्टमेंट को साफ कर दिया गया है कि हर साल जुलाई के महीने में पॉलिसी प्रमाण पत्र की कॉपी जमा कराई जाए।
कब से लागू हुई थी एचबीए स्कीम : केंद्र सरकार की ओर से सरकारी कर्मचारियों के लिए हाउस बिल्डिंग एडवांस स्कीम 1 अक्टूबर 2020 से शुरू हुई थी, जिसकी मियाद को अब 31 मार्च 2022 तक बढा दिया गया है। केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को मकान के निर्माण के लिए 7.9 फीसदी ब्याज दर पर हाउस बिल्डिंग एडवांस देती है। 7वें वेतन आयोग के अनुसार कर्मचारी नए मकान के निर्माण या नया घर-फ्लैट खरीदने के लिए 34 महीने की बेसिक सैलरी, अधिकतम 25 लाख रुपए या मकान की कीमत या फिर एडवांस चुकाने की क्षमता में से जो भी कम हो उतने अमाउंट का एडवांस ले सकते हैं। उन कर्मचारी को यह सुविधा मिलती है जिनकी सर्विस को लगातार 5 साल पूरे हो चुके हों।