गुजरात उच्च न्यायालय ने पेप्सीको होल्डिंग्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मिलावटी उत्पाद बेचने को लेकर दायर मामले को खारिज करने से इनकार कर दिया है।
न्यायाधीश जे बी पर्दीवाला ने दो दिन पहले इस बारे में पेप्सीको के आवेदन को खारिज कर दिया। यह मामला 17 साल पुराना है। अदालत ने कंपनी के इस तर्क को मानने से इनकार कर दिया कि मामला दायर करने में हुई देरी की वजह से उसके साथ पक्षपात हुआ है।
सूरत नगर निगम के खाद्य निरीक्षक ए एस लाइसेंसवाला ने लहर पेप्सी की छह बोतलों को नवंबर 1997 में परीक्षण के लिए भेजा था। इसकी रपट जनवरी 1998 में मिली जिसके अनुसार ये पेय मिलावटी था। इसके बाद निगम ने सितंबर 2000 में पेप्सीको व इसके 11 कर्मचारियों के खिलाफ मजिस्ट्रेट की अदालत में शिकायत दर्ज कराई।
मजिस्ट्रेट और सत्र न्यायधीश दोनों ने ही शिकायत को निरस्त करने से इनकार कर दिया इसलिये कंपनी मामले को लेकर उच्च न्यायालय पहुंच गई।
कंपनी का कहना है कि मामला दायर करने में दो साल से अधिक समय लिया गया, इस दौरान परीक्षण किये गये बोतल नमूनों को बदला जा सकता है, लेकिन उच्च न्यायालय ने कंपनी की इस दलील को मानने से इनकार कर दिया।
