साल 2006 में पेप्‍स‍िको की सीईओ बनीं इंदिरा नुई अब इस पद से मुक्‍त होने जा रही हैं। वह 24 साल से इस कंपनी में हैं। साल 2001 में उन्हें पहली बार बड़ा पद म‍िला था। तब इंदिरा नुई पेप्‍सिको की प्रेस‍िडेंट बनाई गई थीं। वह दफ्तर में ही थीं। रात के करीब 9.30 बजे का वक्‍त था। उन्‍हें एक फोन आया और यह खुशखबरी दी गई। उस समय उनकी मां भी उनके पास गई हुई थीं।

रात करीब 10 बजे घर आते ही खुशी से बेताब इंदिरा ने मां से कहा- मुझे तुम्‍हें बहुत बड़ी खुशखबरी देनी है। मां ने इसमें कोई द‍िलचस्‍पी नहीं द‍िखाई और कहा- वो सब बाद में, पहले दूध नहीं है घर में, वो ले आओ। बेटी ने कहा राज (दामाद) घर पर है, उससे क्‍यों नहीं मंगा ल‍िया? मां ने जवाब द‍िया- वह थका है।

मां के आगे एक न चली और इंदिरा को मन मार कर दूध लाना पड़ा। पूछने पर मां ने कहा- ओहदे का रुतबा उसी जगह ठीक है, जहां उसकी जरूरत है। तुम पहले एक पत्‍नी और मां हो। अगर पर‍िवार को दूध की जरूरत है तो तुम्‍हें वह लाना ही चाह‍िए। इंदिरा ने इसे मां द्वारा द‍िए गए महत्‍वपूर्ण सबक के रूप में ल‍िया और अब तक याद रखा है।

इंदिरा केवल चार घंटे सोती हैं। अगर कभी वक्‍त म‍िला तो न्‍यूयॉर्क यैंकीज का खेल देखती हैं और अपने बच्‍चों के साथ रमीज खेलती हैं। स्‍क्रैबल और सुडोकू भी उनका पसंदीदा टाइमपास है। नुई को ऑफ‍िस या ब‍िजनेस मीट‍िंग में कभी साड़ी पहनना पसंद नहीं है। उन्‍होंने जब पहली नौकरी शुरू की थी, तब मजबूरी में साड़ी पहननी पड़ी थी, क्‍योंक‍ि ब‍िजनेस सूट खरीदने के पैसे नहीं थे। आज उनकी कुल कमाई करीब 3.11 करोड़ अमेर‍िकी डॉलर है। वह आईसीसी सह‍ित 14 बड़े संस्‍थानों के बोर्ड में शाम‍िल हैं।

वह अगले साल की शुरुआत तक ही पेप्सिको की चेयरमैन रहेंगी। हालांकि, उनका कार्यकाल अक्तूबर तक है। उनकी जगह कंपनी के मौजूदा प्रेसिडेंट रैमन लागर्ता (Ramon Laguarta) सीईओ बनेंगे। इंदिरा ने अपने कार्यकाल में कंपनी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उनका जोर पेप्सी के उत्पादों में सेहत के लिए हानिकारक तत्वों (शुगर आदि) को कम करके उन्हें ज्यादा से ज्यादा लोकप्रिय बनाने पर रहा।