कर्नाटक सरकार ने अपने कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी करने के लिए जून 2017 में छठे वेतन आयोग का गठन किया था। वेतन आयोग ने अपनी सिफारिशों वाली रिपोर्ट के पहले भाग को राज्य सरकार को सबमिट कर दिया है। इसमें वेतन आयोग ने राज्य सरकार के कर्मचारियों की सैलरी 30 फीसदी बढ़ाने की सिफारिश की है। पे कमीशन पूर्व आईएएस एम आर श्रीनिवास मूर्ति की अध्यक्षता में बनाया गया था। पिछली बार कर्नाटक राज्य के कर्मचारियों की सैलरी डी वी सदानन्द गौड़ा की सरकार ने बढ़ाई थी। उस समय 22 फीसदी सैलरी बढ़ाई गई थी। राज्य सरकार के कर्मचारियों को उम्मीद है कि उनकी सैलरी में भी केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी के लगभग बराबर ही बढ़ोतरी होगी। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव आने वाले हैं। इसे देखते हुए कर्मचारियों को अपनी सैलरी में अच्छी बढ़ोतरी की उम्मीद है।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने अपने कर्माचरियों के लिए सातवें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है। सातवां वेतन आयोग लागू होने के बाद केंद्र सरकार के कर्मचारियों की न्यूतम सैलरी 7,000 रुपए महीने से बढ़कर 18,000 रुपए महीने हो जाएगी। इसके अलावा फिटमेंट फेक्टर को भी 2.57 गुना बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। हालांकि केंद्रीय कर्मचारियों की मांग है कि उनकी न्यूनतम सैलरी को 26,000 रुपए महीने किया जाए। इसके अलावा फिटमेंट फेक्टर को भी बढ़ाकर 3.68 गुना किया जाए।
हाल ही में खबर आई है कि मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को झटका दे सकती है। दरअसल वित्त मंत्री अरुण जेटली केबिनेट के सामने केंद्रीय कर्मचारियों को एरियर नहीं देने का प्रस्ताव रख सकते हैं। आपको बता दें कि सातवें वेतन आयोग में वेतन विसंगतियों को सुलाझाने के लिए नेशनल अनॉमली कमेटी बनाई गई थी। न्यूनतम वेतन मे बढ़ोतरी और फिटमेंट फेक्टर वेतन विसंगति नहीं थे। इसलिए यह नेशनल अनॉमली कमेटी के दायरे में नहीं आते।