विज्ञापनों पर नजर रखने वाली संस्‍था एडवर्टाइंजिंग स्‍टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया(एएससीआई) की कंज्‍यूमर कंप्‍लेंट काउंसिल(सीआईसी) ने माना है कि पतंजलि का दंतकांति टूथपेस्‍ट, पतंजलि जूस और अमूल एपिक चोको आइसक्रीम सहित 98 उत्‍पाद ग्राहकों को भ्रमित करते हैं। सीआईसी ने इस साल जून में इन 98 उत्‍पादों के खिलाफ मिली शिकायतों को सही पाया है। 98 में से 39 उत्‍पाद शिक्षा, 25 स्‍वास्‍थ्‍य व पर्सनल केयर, 11 फूड एंड बेवरेज और छह ई-कॉमर्स से जुड़े हुए हैं। बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद के तीन उत्‍पादों को भटकाने वाला पाया गया है।

सीआर्इसी के अनुसार पतंजलि का टूथपेस्‍ट, जूस और एनर्जी बार ग्राहकों को मिसलीड करते हैं। रिपोर्ट के अनुसार पतंजलि के जूस के विज्ञापन में बताया जाता है कि वे पहले से मौजूद ब्रांड्स की तुलना में ज्‍यादा फ्रूट पल्‍प देते हैं, जो कि अप्रमाणित है। वहीं एनर्जी बार के विज्ञापन में कहा जाता है चॉकलेट स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बुरी होती है। ऐसा अभी प्रमाणित नहीं हुआ है कि चॉकलेट खाने से नुकसान होता है। इसके अलावा अमूल के एपिक चोको आल्‍मंड के विज्ञापन को उसके कवर पर मिसलीड करने वाले चित्र दिखाने के लिए फटकारा गया है। इनके अलावा तुलसी ग्रीन टी, पेटीएम, उबर, नापतौल, पॉलिसी बाजार, आईबीबो, फ्लाइंग मशीन के विज्ञापनों को भी मिसलीडिंग पाया गया है।

अंग्रेजी अखबार मिंट के अनुसार पतंजलि ने एएससीआई की रिपोर्ट पर सवाल उठाए है। कंपनी के प्रवक्‍ता ने कहा कि एएससीआई असंवैधानिक संस्‍था है। उसे सवाल उठाने का कोई हक नहीं है। कंपनी ने एएससीआई पर केस कर रखा है जिस पर इसी महीने की 21 तारीख को बॉम्‍बे हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है।

बाबा रामदेव पर मेहरबान शिवराज सिंह चौहान, MP सरकार बेचना चाहती है पतंजलि के प्रोडक्ट्स

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