कोरोना के संकट के चलते सरकार के राजस्व पर भी बड़ा असर पड़ता दिख रहा है। सरकार 15 जून तक सिर्फ 92,681 करोड़ रुपये की रकम ही डायरेक्ट टैक्स के तौर पर जुटा पाई है। सरकार की ओर से फाइनेंशियल ईयर 2020-21 में 13.19 लाख करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। इस तरह देखें तो अब तक अपने लक्ष्य का सिर्फ 7 फीसदी टैक्स ही सरकार को हासिल हो पाया है। बीते साल के मुकाबले इस अवधि में सरकार को डायरेक्ट टैक्स के कलेक्शन के मामले में 32.3 पर्सेंट की गिरावट का सामना करना पड़ा है। बीते साल इसी अवधि में सरकार को प्रत्यक्ष कर से 1,36,941 करोड़ रुपये हासिल हुए थे। यह सरकार की ओर से तय किए गए टारगेट का 11.7 फीसदी था।

ग्रॉस डायरेक्टर टैक्स कलेक्शन के मामले में भी आंकड़ा बीते साल के मुकाबले काफी कम है। पिछले साल इसी अवधि में सरकार ने 1,99,755 रुपये की रकम राजस्व के तौर पर जुटाई थी, जबकि इस साल अब तक सिर्फ 1,37,825 करोड़ रुपये की रकम ही हासिल हो सकी है। 1 जून के बाद से लॉकडाउन में ढील दिए जाने के चलते फिर भी सरकार को राजस्व जुटाने में कुछ मदद मिली है, लेकिन अब भी कारोबारी गतिविधियों के तेज न होने के चलते आने वाले समय में भी आंकड़ा कमजोर रह सकता है।

डायरेक्ट टैक्स के साथ ही जीए़सटी के कलेक्शन में भी सरकार को करारा झटका लगा है। मौजूदा फाइनेंशियल ईयर के शुरुआती दो महीनों अप्रैल और मई में जीएसटी के जरिए कुल 94,323 करोड़ रुपये का टैक्स कलेक्शन हुआ है, जबकि बीते साल इसी अवधि में 2,14,154 करोड़ रुपये का जीएसटी हासिल हुआ था। लॉकडाउन के चलते अप्रैल और मई में कारोबार काफी हद तक ठप रहने के चलते यह स्थिति हुई है। हालांकि धीरे-धीरे हालात सुधर रहे हैं। एक सरकारी अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि अप्रैल के मुकाबले मई में जीएसटी का कलेक्शन बेहतर रहा है।