उबर के बाद कैब एग्रिगेटर कंपनी ओला ने भी कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर छंटनी शुरू कर दी है। ओला ने अपने 1,400 कर्मचारियों की छंटनी कर दी है। कंपनी के सह-संस्थापक और सीईओ भाविश अग्रवाल ने कहा, ‘हर प्रभावित कर्मचारी को कम से कम 3 महीने की फिक्स सैलरी का भुगतान किया जाएगा। नोटिस पीरियड के अलावा यह राशि दी जाएगी।’ ओला से पहले जोमैटो, Swiggy, उबर, WeWork जैसी कंपनियां भी छंटनी का फैसला ले चुकी हैं। ओला ने इससे पहले दिसंबर में 500 कर्मचारियों की भी छंटनी की थी। कोरोना वायरस के इस संकट के चलते टेक्नोलॉजी कंपनियां खासी प्रभावित हुई हैं।
अग्रवाल ने कर्मचारियों को लिखे पत्र में कहा कि कैब बुकिंग में बड़ी गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि भविष्य में हमारे बिजनेस की स्थिति होगी, यह पूरी तरह से अनिश्चित है। ओला के मुखिया भाविश अग्रवाल ने कहा कि बीते दो महीनों में कंपनी के रेवेन्यू में 95 फीसदी तक की गिरावट आई है। यहां तक कि ओला से जुड़े ड्राइवरों और उनके परिवारों की आजीविका पर भी संकट पैदा हो गया है। ओला से पहले इंटरनैशनल कैब एग्रिगेटर कंपनी उबर भी दो चरणों में अपने 6,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी कर चुकी है।
भाविश अग्रवाल ने कहा कि कोरोना के संकट के चलते तमाम कंपनियों ने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम दे दिया है। इसके चलते कैब बुकिंग कम हो गई है और फ्लाइट्स के कैंसल होने के चलते भी राइड बुकिंग कम हो गई है। अग्रवाल ने कहा कि कोरोना के इस संकट के चलते कंपनी के रेवेन्यू पर लंबे समय तक असर दिखने वाला है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कर्मचारियों की इस छंटनी के बाद सैलरी में कोई और कटौती नहीं की जाएगी।
6 से 9 महीने तक जारी रह सकता है संकट: जानकारों के मुताबिक कोरोना के संकट के चलते आने वाले 6 से 9 महीनों में कैब बुकिंग में ज्यादा इजाफा होने की उम्मीद नहीं है। दरअसल लोग कोरोना के संक्रमण के डर से कैब बुकिंग करने से बच रहे हैं। ऐसे में ऑनलाइन फूड डिलिवरी कंपनियों और कैब बुकिंग कंपनियों के लिए यह कठिन समय चल रहा है।