National Pension System: नौकरी शुरू करने के शुरूआती कुछ सालों में लोग अपनी अन्य प्राथमिकताओं पर तो ध्यान देते हैं, लेकिन पेंशन उनकी प्राथमिकता की लिस्ट में पीछे रह जाता है. कई बार लोग अपनी रोजाना की जरूरतों को पूरा करने में व्यस्त हो जाते हैं और पेंशन का ध्यान नहीं रहता तो कई बार करियर के शुरू में कम इनकम भी इस जरूरी फाइनेंशियल टारगेट क रास्ते में रुकावट बन जाती है. ऐसे में जबतक इस बारे में फैसला लें, समय निकलता जाता है. अगर आपने भी रिटायरमेंट प्लानिंग में देरी कर दी और 35 की उम्र तक कुछ नहीं किया तो यानी पेंशन प्लानिंग से चूक गए तो टेंशन न लें. इस उम्र में भी आप अनुशासित तरीके से निवेश कर रिटायरमेंट के बाद अच्छी खासी पेंशन का इंतजाम कर सकते हैं. इनमें आपके काम आएगी नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस (NPS) स्कीम.
रिटायरमेंट के लिए बेहतर है NPS
रिटायरमेंट की प्लानिंग कर रहे लोगों के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम एक बेहतर विकल्प है. एनपीएस केंद्र सरकार की स्कीम है. इस स्कीम में कम से कम 20 साल निवेश करना जरूरी है. नेशनल पेंशन स्कीम के तहत अकाउंट 18 साल से 70 साल के बीच का कोई भी भारतीय नागरिक शुरू कर सकता है, चाहे वह केंद्र सरकार या राज्य सरकार या प्राइवेट कंपनी में काम करता हो. एनआरआई भी इसके लिए योग्य है. अकाउंट खुलने के बाद 60 साल की उम्र तक या मैच्योरिटी तक इसमें कंट्रीब्यूट करना होता है. अगर NPS की रिटर्न हिस्ट्री देखें तो अब तक इसने 9% से 12% सालाना रिटर्न दिया है.
NPS: 1 लाख पेंशन के लिए ऐसे करें निवेश
निवेश शुरू करने की उम्र: 35 साल
हर महीने NPS में निवेश: 20,000 रुपये
25 साल में कुल निवेश: 60 लाख रुपए
निवेश पर अनुमानित रिटर्न: 10 फीसदी सालाना
कुल कॉर्पस: 2,67,57,807 रुपये (2.68 करोड़ रुपये)
एन्युटी प्लान में निवेश: 55 फीसदी
लम्प सम वैल्यू: 1,20,41,013 रुपये (1.20 करोड़)
पेंशन योग्य वेल्थ: 1,47,16,794 रुपए (1.47 करोड़)
एन्युटी रिटर्न: 8 फीसदी
मंथली पेंशन: 98,112 रुपये (1 लाख रुपये)
कितना मिल सकता है रिटर्न
एनपीएस में आपके द्वारा जमा की गई रकम का एक हिस्सा इक्विटी में निवेश किया जाता है, इसलिए इस स्कीम में गारंटीड रिटर्न नहीं मिल सकता है. हालांकि, फिर भी यह पीपीएफ जैसे अन्य ट्रेडिशनल लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट की तुलना में अधिक रिटर्न दे सकती है. अगर NPS की रिटर्न हिस्ट्री देखें तो अब तक इसने 9% से 12% सालाना रिटर्न दिया है. NPS में, अगर आप फंड के प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं हैं तो आपको अपना फंड मैनेजर बदलने का विकल्प भी दिया जाता है.
रिटायरमेंट के बाद निकासी के नियम
वर्तमान में, कोई व्यक्ति कुल कॉर्पस का 60 फीसदी तक एकमुश्त राशि के रूप में निकाल सकता है, शेष 40 फीसदी एन्युटी योजना में जाता है. नए NPS गाइडलाइन के तहत अगर कुल कॉर्पस 5 लाख रुपये या उससे कम है तो, सब्सक्राइबर्स एन्युटी प्लान खरीदे बिना पूरी रकम निकाल सकते हैं. ये निकासी भी टैक्स-फ्री हैं.