सरकार ने गुरुवार को कहा कि वोडाफोन व आइडिया सेलुलर के लिए विलय के बाद कोई विशेष बर्ताव नहीं किया जाएगा और संयुक्त इकाई को आय, ग्राहक और स्पेक्ट्रम सीमा के मामले में मौजूदा नियमों का अनुपालन करना होगा। दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने जोर देकर कहा कि मंत्रालय क्षेत्रीय नियामक ट्राई के साथ काम करेगा ताकि क्षेत्र की वित्तीय सेहत के साथ ग्राहकों के हित में संतुलन के लिए नीतियां लाई जा सके। वोडाफोन व आइडिया सेलुलर के विलय के बारे में मंत्री ने कहा कि अगर विलय वाली इकाइयां नियमों का पालन नहीं करती हैं, उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। दोनों कंपनियों के विलय से देश की सबसे बड़ी कंपनी अस्तित्व में आएगी जो भारती एअरटेल को पीछे छोड़ देगी। उन्होंने ‘कब स्काउट’ पर डाक टिकट जारी करने को लेकर आयोजित कार्यक्रम के दौरान अलग से बातचीत में संवाददाताओं से कहा कि उन्हें इसका पालन करना होगा। यह पूछे जाने पर कि क्या इस बड़े विलय के लिए कोई विशेष विचार किया जाएगा, मंत्री ने कहा- नहीं।
दूरसंचार विश्लेषक सौदे में कुछ बाधाओं को उठा रहे हैं जिसमें आय बाजार हिस्सेदारी, ग्राहक व स्पेक्ट्रम सीमा का उल्लंघन शामिल है। सिन्हा ने कहा कि पहले से मानदंड हैं। अगर एकल साल में आय या ग्राहक संख्या स्वीकार्य सीमा से अधिक होती है तो उन्हें उसे घटाना होगा। उन्हें उसका पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में विलय एवं अधिग्रहण से दूरसंचार क्षेत्र में साठगांठ की आशंका नहीं है। मनोज सिन्हा ने कहा- विलय-अधिग्रहण के बाद हरेक सेवा क्षेत्र में 5-6 कंपनियां होंगी। इसीलिए सांठगांठ की कोई संभावना नहीं है। साथ ही आय सीमा, ग्राहक सीमा व स्पेक्ट्रम सीमा को लेकर दिशानिर्देश हैं। जिससे यह सुनिश्चित होगा कि एकल कंपनी का बाजार में दबदबा नहीं हो। दूरसंचार क्षेत्र में 4-5 कंपनियों के वैश्विक मानक का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कई कंपनियां हैं। जहां प्रतिस्पर्धा का सवाल है जबतक बीएसएनएल है, प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित होगी। एकीकरण के बाद हरेक सेवा क्षेत्र में 5-6 कंपनियां होंगी। इसीलिए सांठगांठ की संभावना नहीं है।
सिन्हा ने कहा कि स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए 50 फीसद आय और 50 फीसद ग्राहक, स्पैक्ट्रम सीमा के रूप में जरूरी दिशानिर्देश पहले से हैं। इससे क्षेत्र में स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित होगी। सांठगांठ का कोई खतरा नहीं है। रिलायंस जियो के आने से देश में दूरसंचार क्षेत्र में एकीकरण देखा जा रहा है। आइडिया सेलुलर और वोडाफोन इंडिया ने विलय का फैसला किया है। इससे देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी अस्तित्व में आएगी जिसके ग्राहकों की संख्या 39.4 करोड़ से अधिक होगी।
वहीं दूसरी कंपनी भारती एअरटेल ने नार्वे की टेलीनोर की भारतीय इकाई के अधिग्रहण की घोषणा की है। हाल ही में एअरटेल ने तिकोना डिजिटल की 4जी तरंगों को खरीदने की एलान किया। सिन्हा ने भरोसा दिया कि उनका मंत्रालय नीतियां बनाते समय ग्राहकों व क्षेत्र के वित्तीय सेहत को ध्यान में रखेगी।