वाणिज्य मंत्रालय ने पर्यटन तथा सेवा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए आसान वीजा व्यवस्था की वकालत की है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा, ‘हम पर्यटन और चिकित्सा पर्यटन समेत कुछ सेवा क्षेत्रों में सुधार के लिए आसान वीजा व्यवस्था की सिफारिश करते रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हम मंत्रालय में ई-वीजा और पहुंचने पर वीजा उपलब्ध कराने की व्यवस्था चाहते हैं ताकि जटिलता कम हो और सेवा क्षेत्र तथा पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद मिले। इसीलिए हमारे मंत्रालय की तरफ से यह सिफारिश गई है।’
उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि अगर सैलानी बोधगया (बिहार) जाता है और उसके बाद नेपाल जाता है तथा फिर सांची (मध्य प्रदेश) आना चाहता है तो एकल प्रवेश वीजा मददगार नहीं होगा। मंत्री ने कहा, ‘बहु-प्रवेश वीजा मिलना चाहिए अन्यथा पर्यटक को फिर से वीजा हासिल करना होगा। इसीलिए हम इस प्रकार की विसंगतियों को दूर करना चाहते हैं।’ इन सिफारिशों का मकसद पर्यटन एवं अन्य सेवा क्षेत्रों को बढ़ावा देना है।
निर्मला ने कहा, ‘हमने इसे गृह मंत्रालय को भेजा है क्योंकि उन्हें आंतरिक सुरक्षा के नजरिए से इस पर विचार करना है।’ यह प्रस्ताव भारत के सेवा व्यापार को गति देने के लिए मंत्रालय की पहल का हिस्सा है। एक उद्योग विशेषज्ञ के अनुसार भारत विदेशी सैलानी और विदेशी मुद्रा के संदर्भ में 80 अरब डॉलर सालाना का बड़ा अवसर गंवा रहा है। थाईलैंड जैसे छोटे देश लाखों लोगों को बतौर सैलानी आकर्षित करते हैं वहीं भारत में यह संख्या काफी कम है। वहीं सेवा क्षेत्र का भारत के जीडीपी में करीब 60 प्रतिशत योगदान है लेकिन सेवा के वैश्विक निर्यात में हिस्सेदारी महज 3.15 प्रतिशत है।