राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को एक निर्माण कंपनी से 1,858 करोड़ रुपए मूल्य की परियोजना के लिये केवल 1,500 रुपए की बोली मिली वहीं टाटा की कंपनी ने दो अन्य परियोजनाओं के लिये बोली वापस ले ली। इससे प्राधिकरण ने तीनों मामलों में बयाना राशि जब्त करने का फैसला किया है। एनएचएआई ने जब 1,500 रुपए की बोली के बारे में पूछा तो निर्माण कंपनी ने इसे ‘सिस्टम’ में गड़बड़ी बताया। हालांकि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने बोली को अस्वीकार्य कर दिया।
तीनों परियोजनाएं 4,000 करोड़ रुपए मूल्य की हैं और ओड़िशा, राजस्थान तथा गुजरात में स्थित है। वहां एनएचएआई ने बयाना राशि के रूप में जमा करीब 30 करोड़ रुपए की राशि जब्त करने जा रही है। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘एनएचएआई ने टाटा रीयल्टी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लि. (टीआरआईएल) के दो राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं से बोली वापस लेने को लेकर कंपनी की बयाना राशि जब्त करने का फैसला किया है।’ उसने कहा, ‘‘साथ ही केएमसी कंस्ट्रक्शन की सुरक्षा राशि जब्त करने का फैसला किया गया है। कंपनी ने 1,848 करोड़ रुपए की परियोजना के लिये केवल 1,500 रुपए की बोली लगायी।
इस बारे में संपर्क किये जाने पर एनएचएआई के चेयरमैन राघव चड्ढ़ा ने फैसले की पुष्टि की और कहा कि करीब 30 करोड़ रुपए की सुरक्षा राशि जब्त की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘एनएचएआई को इस प्रकार का निर्णय करना पड़ा क्योंकि इससे राजमार्ग परियोजनाओं में देरी होती है और जटिलताएं बढ़ती हैं।’ इस बारे में दोनों कंपनियों से फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं मिल पायी है। टीआरआईएल ने 2,272 करोड़ रुपए की दो परियोजनाओं के लिये बोली लगायी थी।