National Pension System: क्या आप भी नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) सब्सक्राइबर हैं? NPS सब्सक्राइबर्स को जल्द ही नई खुशखबरी मिल सकती है। जी हां, एनपीएस अकाउंट से Systematic Lump Sum Withdrawal (SLW) लिमिट को बढ़ाकर 100 प्रतिशत तक किया जा सकता है ताकि फंड NPS कॉर्पस के तहत एक लंबी अवधि तक रह सके। PFRDA के चेयरपर्सन डॉक्टर दीपक मोहंती ने सोमवार (20 नवंबर) को आयोजित हुए एनपीएस चिंतन शिविर में यह जानकारी दी।
बता दें कि हाल ही में पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने NPS सब्सक्राइबर्स को एक ऑप्शन दिया था। इस ऑप्शन के साथ यूजर्स SLW के जरिए एक लंप सम अमाउंड अलग-अलग फेज में विड्रॉ कर सकते हैं।
अभी 60 प्रतिशत तक फंड निकासी की सुविधा
नए नियम के मुताबिक, NPS सब्सक्राइबर्स अब मंथली, क्वाटर्ली, हाफ-ईयरली और डेली बेसिस पर SLW के जरिए अपने पेंशन कॉर्पस का 60 प्रतिशत तक ही विड्रॉ कर सकते हैं। यह सुविधा सामान्य एग्जिट के वक्त से शुरू होकर 75 वर्ष तक की उम्र तक उपलब्ध है।
SLW सुविधा के जरिए सब्सक्राइबर्स समय-समय पर अपनी जरूरत के मुताबिक छोटा अमाउंट विड्रॉ कर सकते हैं। इसके साथ ही सब्सक्राइबर्स अपने NPS कॉर्पस के बचे हुए फंड पर भी कंपाउंड बेनिफिट का फायदा उठाते रहेंगे।
PFRDA के चेयरपर्सन का नया प्रस्ताव अगर लागू होता है तो सब्सक्राइबर्स को NPS पहले से ज्यादा पसंद आ सकता है। डॉक्टर मोहंती ने जोर देकर कहा कि कॉरपोरेट सेक्टर में काम कर रहे कर्मचारियों को टैक्स बेनिफिट के लिए अपने NPS योगदान को भी बढ़ाकर 12 प्रतिशत किया जा सकता है।
PFRDA चेयरपर्सन ने भारत में सोशल और डेमोग्राफिक बदलाव पर बात करते हुए कहा कि पेंशन को इंटरलिंक करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पेंशन कॉर्पस कुछ देशों में GDP का 100 प्रतिशत पार जा चुका है। हालांकि, भारत में औसत पेंशन एसेट्स अभी करीब 16.5 प्रतिशत के आसपास है।
चिंतन शिविर में सेक्रेटरी, डॉक्टर विवेक जोशी ने कहा कि भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है और यहां लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए बहुत सारे फंड की जरूरत है। और निवेश के कई अवसक इन्फ्रास्ट्रक्चर स्पेस में उपलब्ध है जो NPS के तहत निवेश के लिए जरूरी मैच्योरिटी प्रोफाइल से मैच करता है। उन्होंने आगे कहा कि NPS के तहत एनरोमेंट प्रोसेस को आसान बनाने की जरूरत है और इसके कठिन पॉइन्ट्स को हल करना होगा।
बता दें कि ‘NPS Chintan Shivir’ स्टेकहोल्डर्स के लिए एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां विचार-विमर्श के अलावा ऐसे आइडिया जेनरेट करने पर काम होता है ताकि पॉलिसी को और बेहतर बनाया जा सकते। और ऑर्गनाइज्ड व अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर में NPS की जरूरत को बढ़ावा देने के साथ एक फुली पेंशन्ड सोसायटी बनाई जा सके।