प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वैश्विक आर्थिक नरमी से निपटने के लिए ‘गुढ़ बातचीत’ करना ही काफी नहीं है बल्कि इसके लिए जी-20 के सदस्य देशों की ओर से ‘सम्मिलित, समन्वित और लक्षित कार्रवाई’ करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने पूर्वी चीन के इस शहर में जी-20 के नेताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘हम ऐसे समय मिल रहे हैं जबकि वैश्विक स्थिति जटिल राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रही है।’

मोदी ने कहा, ‘एक स्पष्टवादी और कठिन वार्ता काफी नहीं है। जी-20 को सामूहिक, समन्वित और लक्षित कार्रवाई के लिए एक कार्रवाई आधारित एजेंडा को आगे बढ़ाने की जरूरत है।’ इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने वैश्विक वृद्धि के पुनरोद्धार के लिए बुनियादी सुधारों का एजेंडा पेश किया। उन्होंने कहा कि वित्तीय प्रणाली में सुधार की जरूरत है। इसके अलावा घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहन देने, बुनियादी ढांचा विकास के लिए निवेश बढ़ाने तथा मानव पूंजी का सृजन करने की आवश्यकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी चुनौतियां समान हैं, साथ ही अवसर भी। कनेक्टिड मशीनें, डिजिटल क्रांति तथा नई प्रौद्योगिकी अगली पीढ़ी की वैश्विक वृद्धि का आधार तैयार कर रही है। मोदी ने कहा, ‘सभी के लाभ के लिए जी-20 को निर्णायक तरीके से कार्रवाई करने की जरूरत है। इसके लिए भागीदारी के एक मजबूत नेटवर्क की भी जरूरत है।’ जी-20 के सदस्य देशों का वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 85 प्रतिशत हिस्सा है। जी-20 के देशों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सउदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं।