केंद्र सरकार ने सरकारी अधिकारियों के लिए कर्मयोगी योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना के जरिए कर्मचारी अपनी परफॉर्मेंस में सुधार कर सकेंगे और अपनी क्षमता में इजाफा कर पाएंगे। मोदी सरकार की कैबिनेट मीटिंग के बाद फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि यह योजना एक अहम सुधार की ओर बड़ा कदम है।
उन्होंने कहा कि पिछली कैबिनेट मीटिंग में सरकार ने नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी को मंजूरी दी थी और अब भर्ती के बाद के सुधार पर जोर दिया गया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि यह योजना दुनिया की सबसे बड़ी मानव संसाधन स्कीम होगी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘कैबिनेट ने नए बिल को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत उर्दू, कश्मीरी, डोगरी, हिंदी और अंग्रेजी को जम्मू-कश्मीर में आधिकारिक भाषाओं का दर्जा मिलेगा।’
सरकार का कहना है कि मिशन कर्मयोगी के जरिए भारतीय सिविल सेवा के अफसरों को भविष्य के लिए तैयार किया जाएगा। उन्हें इस लिहाज से तैयार किया जाएगा कि वे रचनात्मक, पेशेवर, प्रोग्रेसिव और पारदर्शी तरीके से काम कर सकें। कर्मचारियों के विकास के लिए कैपेसिटी बिल्डिंग कमिशन का गठन किया जाएगा, जिससे ट्रेनिंग के स्टैंडर्ड में सुधार का प्रयास किया जाएगा।
इससे पहले पिछले महीने कैबिनेट राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन का फैसला किया है। यह प्रस्तावित एजेंसी केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए भर्ती प्रक्रिया को देखेगी और एक प्राथमिक परीक्षा का आयोजन करेगी। इससे अलग-अलग मंत्रालयों में भर्ती के लिए अलग परीक्षाओं का झंझट समाप्त हो जाएगा और एकीकृत परीक्षा के जरिए ही तमाम भर्तियां हो सकेंगी। इससे परीक्षार्थियों को भी सुविधा होगी और सरकारी तौर पर प्रक्रिया की जटिलता भी कम होगी।