केंद्र सरकार ने एक स्कीम किसान उर्जा सुरक्षा और उत्थान महाअभियान (कुसुम) की शुरुआत की थी। इस योजना के तीन घटक हैं। घटक-ए में विकेंद्रीकृत ग्राउंड माउंटेड ग्रिड कनेक्टेड नवीकरणीय विद्युत संयंत्र की स्थापना शामिल है। घटक-बी में स्टैंडअलोन सोलर पावर्ड एग्रीकल्चर पंप्स की स्थापना और घटक-सी में सोलराइजेशन ऑफ ग्रिड कनेक्टेड एग्रीकल्चर पंप्स शामिल है।

मंत्रालय ने योजना कार्यान्वयन दिशानिर्देशों में निम्नलिखित संशोधन/स्पष्टीकरण जारी किया है :

घटक-ए : बीते साल के नवंबर महीने में पीआईबी की ओर से जारी रिलीज में बताया गया था कि घटक-ए के लिए चारागाह और दलदली भूमि के स्वामित्व वाले किसानों को शामिल करके दायरा बढ़ाया गया है। सौर संयंत्र के आकार को घटा दिया गया है, जिससे छोटे किसान इसमें हिस्सा ले सकें और पूर्णता अवधि 9-12 महीने तक बढ़ सके। इसके अलावा किसानों द्वारा कार्यान्वयन में आसानी के लिए हटाए गए उत्पादन में कमी पर जुर्माना लगाया गया है।

-बंजर, परती और कृषि भूमि के अलावा किसानों के चारागाह और दलदली भूमि पर भी सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जा सकते हैं।
-छोटे किसानों की मदद करने के लिए तकनीकी-व्यावसायिक व्यवहार्यता के आधार पर राज्यों द्वारा 500 किलोवाट से कम की सौर ऊर्जा परियोजनाओं की अनुमति दी जा सकती है।
-चयनित नवीकरणीय पावर जनरेटर (आरपीजी) सौर ऊर्जा संयंत्र को लेटर ऑफ अवार्ड (एलओए) जारी करने की तिथि से 12 महीने के भीतर चालू कर देगा।
-न्यूनतम निर्धारित क्षमता उपयोग कारक (सीयूएफ) से सौर ऊर्जा उत्पादन में कमी के लिए आरपीजी को कोई जुर्माना नहीं होगा।

घटक-बी: घटक-बी में कहा गया है कि एमएनआरई देशव्यापी सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) गतिविधियों के लिए उचित सेवा शुल्क का 33 फीसदी हिस्सा अपने पास रखेगा। इस आदेश में उल्लेख किया गया है कि मंत्रालय प्रारंभिक गतिविधियों के लिए एलओए की नियुक्ति के बाद स्वीकृत मात्रा के लिए उचित सेवा शुल्क का 50 फीसदी जारी कर सकता है।

घटक-सी: मंत्रालय आईईसी गतिविधियों के लिए 33 फीसदी सेवा शुल्क का उपयोग करेगा। कार्यान्वयन एजेंसियों को प्रारंभिक गतिविधियों के लिए सेवा शुल्क का अग्रिम आवंटन करने का प्रावधान किया गया है। घटक-सी के तहत ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों वाले व्यक्तिगत किसानों को अपने पंपों को सोलराइज करने के लिए मदद दी जा रही है। इसके अलावा किसानों को सोलर पैनल उपलब्ध करवाया जाएगा। इससे वे उत्पादित सौर ऊर्जा से सिंचाई की जरूरतों को पूरा कर सकेंगे और बाकी सौर ऊर्जा की बिक्री कर सकेंगे।

विस्तार से जानकारी के लिए यहां जाएं: योजना में भागीदारी के लिए पात्रता और कार्यान्वयन प्रक्रिया से संबंधित जानकारी एमएनआरई की वेबसाइट http://www.mnre.gov.in पर उपलब्ध है। इच्छुक व्यक्ति एमएनआरई की वेबसाइट से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं या हेल्प लाइन नंबर 1800-180-3333 (टोल फ्री) पर कॉल कर सकते हैं।

नोट—ये जानकारी PIB से ली गई है। योजना के बारे में विस्तार से जानने के लिए सरकार की वेबसाइट पर विजिट करें।