सहारा समूह और अमेरिकी कंपनी मिराक के बीच कथित फर्जीवाड़े की कहानी ने एक नया मोड़ ले लिया है। अमेरिकी कंपनी ने शनिवार को सहारा समूह से कहा कि उसकी छवि धूमिल करने के लिए समूह माफी मांगे। ऐसा नहीं होने पर मिराक ने कानूनी कार्रवाई की धमकी दी है और साथ ही अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन करने पर 1.30 करोड़ डालर का हर्जाना मांगा है।
मिराक कैपिटल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सारांश शर्मा ने सहारा प्रमुख सुब्रत राय को भेजे पत्र में कहा कि क्षतिपूर्ति की राशि सहारा की ओर से की गई जांच पड़ताल व इससे जुड़ी लागत के लिए दी गई 26 लाख डालर के अलावा होगी। शर्मा ने हालांकि यह पेशकश भी की है कि मिराक अभी भी सहारा के लिए 2.05 अरब डालर की सिंडिकेट ऋण व्यवस्था को आगे बढ़ा सकता है। सहारा को यह राशि अपने प्रमुख सुब्रत राय को तिहाड़ जेल से छुड़ाने के लिए चाहिए जहां वे लगभग एक साल से बंद हैं।
मिराक ने शर्मा की ओर से राय को लिखी गई चिट्ठी मीडिया को जारी करते हुए सहारा की विदेश स्थित तीनों परिसंपत्तियों की एकमुश्त खरीद का एक और विकल्प दिया है। तीसरे विकल्प के तौर पर अमेरिकी कंपनी ने कहा है कि सहारा अगर औपचारिक तौर पर माफी मांगे और अपने आरोप वापस ले ले तो वह भारतीय समूह द्वारा दी गई 26 लाख डालर की राशि भी वापस कर देगा। चिट्ठी पर सहारा की तरफ से तुरंत कोई टिप्पणी नहीं मिल पाई है। शर्मा ने कहा कि मिराक ने सात दिन पहले ही यह राशि (26 लाख डालर) वापस करने की पेशकश की थी लेकिन सहारा ने जोर दिया था कि मिराक खर्च के लिए इसे अपने पास रखे।
शर्मा ने कहा- हालिया सार्वजनिक घटनाक्रम के मद्देनजर यदि पूरी राशि वापस कर दी जाती है तो हम चाहेंगे कि मिराक के खिलाफ आपने जो झूठे आरोप लगाए हैं उन्हें सार्वजनिक तौर पर वापस लिया जाए। यदि सहारा सार्वजनिक तौर पर लगाए गए गलत आरोपों को वापस नहीं लेता है तो मिराक जांच पड़ताल के बजट में से बची राशि का इस्तेमाल अनुबंध का उल्लंघन करने के आरापों और अन्य मामलों में कानूनी कार्रवाई के लिए करेगी। मिराक ने इसके साथ ही हर्जाने के तौर पर 1.30 करोड़ डालर की भी मांग करेगी जो कि उसे सौदा पूरा होने की स्थिति में प्राप्त होती।
शर्मा ने कहा कि हम दोनों को पता है कि मिराक की तरफ से फर्जी पत्र का सवाल ही नहीं उठता क्योंकि पत्र बैंक से सीधे सहारा के वकीलों को भेजा गया था। उन्होंने कहा कि मैं उपरोक्त तीनों समाधानों में से किसी पर भी काम करने के लिए तैयार हूं, लेकिन मैं आपको अपने करिअर पर निशाना साधने और उसे बर्बाद नहीं करने दे सकता। खासकर तब जब मेरी मंशा केवल इतनी है कि ऐसा समाधान हो जिससे इसमें शामिल हर पक्ष को फायदा हो।
शर्मा ने कहा कि मिराक ने सहारा इंडिया परिवार को हालात से निपटने के लिए संपर्क किया जो हमें लगता था कि सहारा, सेबी, ऋणदाता बैंक ऑफ चाइना और मिराक सभी के हित में था। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आपको एक ऋण पैकेज जिसके लिए हम तैयार थे और 20 फरवरी, 2015 तक पूरा कर सकते थे, मुहैया कराने के बावजूद आप एक बार फिर इसमें नाकाम रहे।
अपनी पहली पेशकश के तौर पर मिराक ने कहा कि वह अभी भी ऋण पैकेज को आगे बढ़ा सकता है, क्योंकि इस संबंध में कागजी काम पूरा कर लिया गया है। लेकिन इसके लिए मिराक चाहता है कि सहारा सार्वजनिक तौर पर अपना बयान वापस ले और औपचारिक तौर पर माफी मांगे।
शर्मा पर अमेरिका में मुकदमा चल रहा है और पूर्व में कथित तौर पर उन्होंने अपने पूर्व नियोक्ता का डाटाबेस चुराने की बात भी स्वीकार की थी। शर्मा ने इस ऋण सौदे में फर्जीवाड़े के आरोपों को खारिज किया और सहारा समूह पर सौदे को कमजोर करने, उसके निवेशकों, सेबी और सुप्रीम कोर्ट का समय बर्बाद करने का आरोप लगाया।