केंद्र सरकार ने न्यूनतम मजदूरी को 137 रुपए रोजाना से बढ़ा कर 160 रुपए कर दिया है। राष्ट्रीय स्तर पर इसे एक जुलाई से लागू करने का सभी राज्यों को निर्देश भी दिया गया है। इस बाबत केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने सभी मुख्यमंत्रियों को बाकायदा पत्र भेजा है। जिसमें कहा है कि वे मजदूरी की न्यूनतम संशोधित दर को लागू करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएं। सरकार ने न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने का फैसला महंगाई के आंकड़े की समीक्षा के बाद किया है।
औद्योगिक कामगारों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर न्यूनतम मजदूरी तय की जाती है। पिछली बार न्यूनतम मजदूरी दो साल पहले बढ़ाई गई थी। तब इसे 115 रुपए से 137 रुपए किया गया था। पत्र में केंद्रीय श्रम मंत्री ने राज्य सरकारों से अनुरोध किया है कि मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा के सभी लाभ दिए जाएं। साथ ही विभिन्न सरकारी दफ्तरों में आउटसोर्सिंग की व्यवस्था के तहत काम करने वालों को भी इन योजनाओं का फायदा दिया जाए।
दत्तात्रेय ने पत्र में सुझाव दिया है कि राज्य स्तर पर मुख्य सचिव और श्रम सचिव को सभी सरकारी व अर्द्ध सरकारी विभागों की बैठक बुला कर सामाजिक सुरक्षा लाभ देना सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सरोकार का भी जिक्र किया है। जो सामाजिक सुरक्षा को व्यक्ति का मानवाधिकार मानते हुए इस पर अमल की निगरानी कर रहा है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की रिपोर्ट से सरकार की चिंता बढ़ी है। जिसमें बताया गया है कि आउटसोर्सिंग वाले कर्मचारियों को कोई सामाजिक सुरक्षा लाभ नहीं दिए जा रहे। उन्हें भविष्य निधि योजना का भी कोई फायदा नहीं मिल रहा। दत्तात्रेय ने केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त से भी राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ संपर्क स्थापित करके इस समस्या के समाधान का निर्देश दिया है।