देश में कारोबार की परिस्थितियों में सुधार के साथ विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर अगस्त में 13 माह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गयी। कंपनियों के मैनेजरों के बीच कराए जाने वाले एक प्रतिष्ठित मासिक सर्वे से यह बात सामने आई है। निक्केई इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) अगस्त में उछलकर 52.6 हो गया जबकि जुलाई में यह 51.8 था। इस सर्वे पर आधारित ताजा रपट में कहा गया है कि पिछले माह ‘भारतीय विनिर्माताओं के लिए परिचालन की दशाओं में मजबूत सुधार हुआ है।’ रपट के अनुसार आलोच्य माह के दौरान नए काम शुरू होने के साथ साथ खरीद और उत्पादन के स्तर में भी विस्तार हुआ। इस सूचकांक में 50 से ऊपर का आंकड़ा वृद्धि और इससे नीचे का संकुचन का संकेत है। दिसंबर, 2014 के बाद इसमें यह किसी माह का सबसे बड़ा उछाल है।
पिछले माह उपभोक्ता वस्तु क्षेत्र में सबसे अधिक तेजी दिखी। माध्यमिक और पूंजीगत वस्तुओं के विनिर्माण में भी ठोस विस्तार दिखा। इस रपट की लेखिका और आईएचएस मार्किट की अर्थशास्त्री पोल्लियान्ना डी लीमा ने गुरुवार (31 अगस्त) को कहा कि ‘पीएमआई आकड़ों से यह दिख रहा है कि दूसरी छमाही के शुरू में जो उत्साहजनक गति दिखी थी वह अगस्त में भी जारी रही। इस दौरान नए कार्यों में विस्तार तेज हुआ तथा खरीद और उत्पादन की गति और बढ़ी।’ आईएचएस मार्किट का अनुमान है कि 2016-17 में जीडीपी वृद्धि मजबूत 7.5 प्रतिशत तक रहेगी।