मैगी नूडल्स देश के चुनिंदा बाजारों में पांच महीने बाद सोमवार से फिर वापस आ गए हैं। इनमें स्वीकृत सीमा से अधिक अनुपात में सीसा पाए जाने के कारण इनकी बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
नेस्ले इंडिया देश के आठ राज्यों को छोड़ कर अपने इस लोकप्रिय उत्पाद को धीरे-धीरे पूरे देश में पेश करने की तैयारी कर रही है। आठ राज्यों में अभी इसको बिक्री की इजाजत नहीं मिली है और कंपनी इन राज्यों की सरकार से संपर्क में है। कंपनी को इस प्रतिबंध के कारण सात से साढ़े आठ करोड़ स्विस फ्रैंक (करीब 530 करोड़ रुपए) का नुकसान हुआ। इस मामले में कंपनी ने खाद्य सुरक्षा नियामक के खिलाफ मुआवजे के लिए कानूनी दावा दायर करने की संभावना से इनकार नहीं किया है।

नेस्ले इंडिया के अध्यक्ष सुरेश नारायणन ने सोमवार को यहां बताया कि मैगी को 300 वितरकों के जरिए 100 शहरों में फिर से पेश किया गया है और आने वाले दिना में यह कुछ और इलाकों में मिलने लगेगी। उन्होंने कहा- हमने बाजार में मैगी फिर से पेश किया है। हम पिछले कुछ महीनों में बड़े संकट से गुजरे हैं। मुझे खुशी है कि चुनिंदा बाजारों में पेश करते हुए हम एक बार फिर सही साबित हुए हैं, गुणवत्ता, सुरक्षा और विश्वसनीयता के लिहाज से।

बंबई हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक सरकार से मान्यता प्राप्त तीन प्रयोगशालाओं में परीक्षण में नेस्ले का यह उत्पाद मानकों पर खरा पाया गया। उस अदालत ने अगस्त में ही नूडल पर खाद्य सुरक्षा नियामकों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को प्रतिबंध हटा दिया था। भारतीय खाद्य सुरक्षा व मानक प्राधिकार (एफएसएसएआइ) ने कंपनी पर जून में प्रतिबंध लगाया था। एफएसएसएआइ ने कहा था कि मैगी में तय सीमा से अधिक सीसा है जिससे यह खाने की दृष्टि से असुरक्षित और खतरनाक है। कंपनी ने उसके बाद यह उत्पाद बाजार से वापस ले लिया था।

यह पूछने पर कि क्या कंपनी एफएसएसएआई से मुआवजा मांगेगी, नारायणन ने कहा-फिलहाल एक बात साफ है कि हम ब्रांड तैयार करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और किसी भी समय ऐसा लगता है तो देखेंगे लेकिन अभी हम कुछ ऐसा नहीं सोच रहे, अगर कुछ होता है तो हम आपको बताएंगे पर अभी ऐसा कोई विचार नहीं है।
कंपनी के मानकों को सही ठहराए जाने पर नारायण ने कहा कि नेस्ले इंडिया ने मैगी की सामग्री में बदलाव नहीं किया है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं ने 32 साल से जो पसंद किया वह हम दे रहे हैं। पैकेज में सिर्फ एक ही बदलाव किया गया है, कुछ शब्द जोड़े गए हैं जिसमें यह कहा गया है कि कंपनी की अच्छी गुणवत्ता और इसके अच्छे होने के प्रति प्रतिबद्धता जताई गई जिसे पर उपभोक्ता भरोसा कर सकते हैं।

फिलहाल नेस्ले इंडिया नंदगुड़ (कर्नाटक), मोगा (पंजाब) और बिचोलिम (गोवा) पर मैगी नूडल में मैगी बना रही है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जहां मैगी पर अभी भी प्रतिबंध है, में दो और संयंत्रों में उत्पादन शुरू होना है। नारायणन ने कहा कि कंपनी वहां सरकारों से बात कर रही है ताकि उन दोनों इकाइयों में जल्द से जल्द उत्पादन शुरू किया जा सके। उन्होंने कहा कि मैगी पर आठ राज्यों में प्रतिबंध है जिनमें पंजाब, ओडीशा, मणिपुर, बिहार, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड शामिल हैं।