आमतौर पर हम अपनी सेविंग्स को कई बार सिर्फ इसलिए ही अपने बचत खाते में बनाकर रखते हैं कि जरूरत के वक्त काम आएगी। ऐसा करके आप भविष्य की योजनाओं से तो चूकते ही हैं और टैक्स का लाभ भी नहीं ले पाते। पीपीएफ यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड में निवेश इस मामले में बेहतर विकल्प हो सकता है। यह इसलिए क्योंकि जरूरत पड़ने पर आप पीपीएफ अकाउंट पर लोन भी ले सकते हैं। आइए जानते हैं क्या हैं इसके नियम और प्रक्रिया…
कोई भी पीपीएफ खाता धारक आसानी से अपने अकाउंट पर लोन हासिल कर सकता है। हालांकि यह सुविधा खाता खुलने के तीन साल से लेकर 6 साल तक ली जा सकती है। उदाहरण के तौर पर यदि आपने 2020 में खाता खोला है तो वित्त वर्ष 2022 में आप यह सुविधा ले सकते हैं। अब अहम सवाल यह है कि आखिर 6 साल पूरे होने के बाद लोन की यह सुविधा क्यों खत्म हो जाती है। दरअसल 6 साल पूरे होने के बाद आप जरूरत पड़ने पर खाते से कुछ राशि निकालने के हकदार हो जाते हैं, ऐसे में इस अकाउंट पर लोन लेने की बजाय आप अपनी ही जमा पूंजी की निकासी कर सकते हैं।
PPF पर कितना लोन ले सकते हैं: अब बड़ा सवाल यह है कि आखिर पीपीएफ अकाउंट पर आप कितना लोन ले सकते हैं? यदि आपने अपने खाते में लोन लेने वाले साल तक 4 लाख रुपये जमा किए हैं तो फिर आपको 1 लाख रुपये तक का लोन मिल सकता है। पीपीएफ खाते को लेकर यह नियम है कि अकाउंट होल्डर खाते में जमा कुल रकम का 25 फीसदी ही लोन के तौर पर ले सकता है।
कम ब्याज के चलते है बेहतर विकल्प: पीपीएफ अकाउंट पर लोन लेने के फायदे की बात की जाए तो सबसे बड़ा आकर्षण ब्याज का कम होना है। नियम के मुताबिक यदि आप पीपीएफ खाते पर 8 फीसदी ब्याज हासिल कर रहे हैं तो उस पर लिए गए लोन पर 9 फीसदी ब्याज चुकाना होगा यानी अपनी सेविंग्स पर मिलने वाले ब्याज की तुलना में 1 पर्सेंट ज्यादा चुकाना होगा। इससे पहले यह 2 फीसदी अधिक था।
लोन के लिए भरना होगा फॉर्म D: पीपीएफ अकाउंट पर लोन हासिल करने के लिए आपको सिर्फ एक पेज का फॉर्म डी भरना होगा, जिसे बैंक की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है या फिर ब्रांच से ले सकते हैं।
लोन चुकाने की शर्तें: नियम के मुताबिक पीपीएफ अकाउंट पर लिए गए लोन को 36 महीने यानी तीन साल में चुकाना होता है। ऐसा न कर पाने पर बची हुई राशि पर पीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज से 6 पर्सेंट अतिरिक्त ब्याज अदा करना होगा।