Loan against PPF account: पब्लिक प्रोविडेंट फंड हमेशा से लोगों के लिए टैक्स बचाने और बचत के लिहाज से बेहद लोकप्रिय इन्वेस्टमेंट स्कीम रही है। पिछले साल इस स्कीम में हुए बदलाव के तहत 12 दिसंबर, 2019 के बाद पीपीएफ पर लिए गए किसी भी लोन पर 2 फीसदी की बजाय 1 पर्सेंट का ही ब्याज लगेगा। यह किसानों को मिलने वाले लोन समेत किसी भी तरह के ऋण से सस्ता है। हालांकि एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस लोन को कम ब्याज के बावजूद लेने से बचना चाहिए।
टैक्स बेनेफिट्स के चलते यह स्कीम निवेशकों के बीच बेहद लोकप्रिय है क्योंकि यह हर तरह से छूट प्राप्त है। निवेश से लेकर इस पर मिलने वाले ब्याज और मेच्योरिटी पर मिलने वाले अकाउंट तक पर कोई टैक्स नहीं लगता। इस स्कीम में जमा राशि पर लोन काफी सस्ता है, लेकिन एक्सपर्ट्स इसे लेने के पक्ष में राय नहीं रखते। जानें, क्यों पीपीएफ पर लोन से बचना चाहिए…
लोन लेने पर खत्म हो जाती है ब्याज पर टैक्स की छूट: दरअसल इस स्कीम पर यदि आप लोन लेते हैं तो इस पीपीएफ अकाउंट में जमा राशि पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स की छूट खत्म हो जाएगी। यही नहीं भले ही आपको लोन पर 1 फीसदी का ही ब्याज देने होगा, लेकिन इसके बदले में पीपीएफ अकाउंट पर आपको कोई ब्याज नहीं मिलेगा। यह ब्याज आपको तब तक नहीं मिलेगा, जब तक आप लोन की पूरी राशि वापस नहीं कर देते।
जमा राशि के 25 पर्सेंट हिस्से के बराबर ही ले सकते हैं लोन: इस तरह से देखा जाए तो पीपीएफ पर लिए गए लोन की ब्याज दर पीपीएफ में जमा राशि पर मिलने वाले ब्याज से एक पर्सेंट अधिक हो जाएगी। इसके अलावा एक्सपर्ट्स पीपीएफ अकाउंट पर इसलिए लोन न लेने की सलाह देते हैं क्योंकि इस पर आप पीपीएफ खाते में जमा राशि के 25 फीसदी हिस्से के बराबर ही कर्ज ले सकते हैं।
लोन की अवधि भी होती है काफी कम: इसके अलावा आप पीपीएफ अकाउंट खुलने के तीसरे साल में ही लोन ले सकते हैं और 6 साल पूरे होने तक उसे अदा करना होगा। ऐसे में लिए गए लोन को चुकाने की अवधि भी काफी कम होती है।
