चालू वित्त वर्ष में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की शेयर बाजार में लिस्टिंग होने वाली है। इससे पहले सरकार ने एक नियम में बदलाव कर दिया है।
क्या है नया नियम: सरकार ने लिस्टिंग यानी सूचीबद्ध होने के समय एक लाख करोड रुपये से अधिक मार्केट कैपिटल रखने वाली कंपनियों के लिए नियमों को आसान बनाया है। ऐसी कंपनियां अब केवल अपने शेयरों का पांच प्रतिशत बाजार में बेच सकेंगी। इस फैसले से भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के प्रस्तावित आईपीओ के दौरान सरकार को फायदा मिलेगा। इस तरह की इकाइयों को दो वर्षों में अपने सार्वजनिक शेयरधारिता को बढ़ाकर 10 प्रतिशत करना होगा और पांच वर्षों में इसे कम से कम 25 प्रतिशत तक बढ़ाना होगा।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट: एक्सपर्ट के मुताबिक ऐसी चिंताएं थीं कि भविष्य में बहुत बड़े आकार वाले आईपीओ (प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गमों) में 10 प्रतिशत शेयरों की बिक्री पेशकश करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। लिस्टिंग होने के समय एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियां अपने आईपीओ को पांच प्रतिशत तक सीमित रख (10 प्रतिशत की तुलना में) सकेंगी और इससे उनको सुविधा होगी। यह ताजा संशोधन से संभव हो सकेगा।
1 लाख करोड़ मिलने का अनुमान: एलआईसी के प्रस्तावित आईपीओ से ही सरकार को एक लाख करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है। सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 में 1.75 लाख करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य रखा है।
आईपीओ के बारे में: आसान भाषा में समझें तो जब एक कंपनी अपने समान्य स्टॉक या शेयर को पहली बार जनता के लिए जारी करती है, उसे ही आईपीओ कहते हैं। आमतौर पर जब कंपनियां शेयर बाजार में लिस्टेड होने वाली होती हैं तो उससे पहले आईपीओ लेकर आती हैं। इस आईपीओ में कुछ शर्तो के साथ एक साधारण निवेशक भी निवेश कर सकता है।