देश के मशहूर कारोबारी घराने केके मोदी ग्रुप में आपसी रार अपने चरम पर पहुंच गई है। ग्रुप के अहम हिस्सेदारी ललित मोदी के बेटे और ग्रुप की मुख्य कंपनी गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया के निदेशक रुचिर ने कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री को पत्र लिखा है और SFIO एवं सेबी से जांच कराने की मांग की है। रुचिर का कहना है कि कंपनी में कॉरपोरेट गवर्नेंस के नियमों का उल्लंघन हुआ है। इसके अलावा भी कई गड़बड़ियों की आशंका जताई गई है।

बता दें कि के.के मोदी रुचिर के दादा है और भारत से भागे कारोबारी ललित मोदी के पिता हैं। 2 नवंबर, 2019 को के.के मोदी का निधन हुआ था और उसके बाद ललित मोदी ने ग्रुप की संपत्तियों को बेचने की बात कही थी। उस वक्त उनकी मां बीना मोदी, भाई समीर मोदी और बहन चारु भरतिया ने इस प्रस्ताव पर आपत्ति जताई थी। इस पर ललित मोदी सिंगापुर के आर्बिट्रेशन कोर्ट में अर्जी डाल दी थी, जो अभी लंबित है।

अब इस पूरे विवाद में रुचिर की भी एंट्री हुई है। आमतौर पर चर्चा से परे रहने वाले रुचिर Godfrey Philips के डायरेक्टर के तौर पर काम संभालते हैं। रुचिर मोदी ने कॉरपोरेट मिनिस्ट्री को लिखे पत्र में अपनी दादी बीना मोदी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि पब्लिक शेयरहोल्डर्स की ओर से उन्हें बेदखल कर दिया गया है। इसके बाद भी वह कंपनी की प्रेसिडेंट और डायरेक्टर के तौर पर काम संभाल रही हैं। आइए जानते हैं, इस पूरे विवाद में पहली बार चर्चा में आए रुचिर मोदी क्या काम करते हैं।

ब्रिटेन से बिजनेस मैनेजमेंट में ग्रैजुएशन की डिग्री लेने वाले रुचिर मोदी कई कंपनियां चलाते हैं। गॉडफ्रे फिलिप्स के अलावा वह मोदी वेंचर्स के भी फाउंडर एवं सीईओ हैं। यही नहीं मोदी इंटरप्राइजेज के भी वह निेदेशक हैं। कारोबार के साथ ही रुचिर मोदी लिखने का भी शौक रखते हैं। अकसर अहम मसलों पर टिप्पणी करते हुए ब्लॉग भी लिखते रहे हैं।

बता दें कि आईपीएल में अनियमितता के आरोपों के बाद से ललित मोदी देश से बाहर हैं और फिलहाल लंदन में रहते हैं। मोदी परिवार की कारोबारी विरासत को इससे भी समझा जा सकता है कि ललित मोदी के दादा गूजरमल मोदी ने ही उत्तर प्रदेश के अहम शहर मोदीनगर की स्थापना की थी।