श्रम मंत्रालय का मानना है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) को एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) के जरिए शेयर बाजारों में निवेश बढ़ाना चाहिए, क्योंकि इस प्रक्रिया ने रिटर्न देना शुरू कर दिया है। श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने यहां इस बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘हम इसे बढ़ाने की संभावना देख रहे हैं, लेकिन हम इस बारे में केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) से विचार विमर्श करना चाहेंगे। मेरा मानना है कि ईटीएफ में निवेश बढ़ना चाहिए।’
ईपीएफओ के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय सीबीटी की शुक्रवार (8 जुलाई) को बैठक होनी है जिसमें ईटीएफ में निवेश बढ़ाने के मुद्दे पर विचार विमर्श हो सकता है। श्रम मंत्री सीबीटी के प्रमुख हैं। हालांकि, दत्तात्रेय ने कहा कि सरकार शेयर बाजारों में निवेश के बारे में ‘कदम दर कदम’ आगे बढ़ेगी और सतर्क रुख अपनाए रखेगी। इस मुद्दे पर सीबीटी के साथ भी विचार विमर्श किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अब ईटीएफ प्रदर्शन कर रहा है। निवेश अब सकारात्मक हो चुका है। ऐसे में हमारा मानना है कि निवेश बढ़ाया जा सकता है। लेकिन यह कदम दर कदम होना चाहिए। 31 मार्च, 2016 तक निवेश की गई राशि 6,577 करोड़ रुपए थी जो बढ़ कर 6,601 करोड़ रुपए हो गयी। इस तरह इसमें 0.37 प्रतिशत का फायदा हुआ। इसी तरह 30 अप्रैल, 2016 तक कुल निवेश राशि 6,674 करोड़ रुपए था जो 1.68 प्रतिशत के फायदे से 6,786 करोड़ रुपए हो गया। मंत्री ने कहा कि चेयरमैन के रूप में मैं इस पर सीबीटी सदस्यों से विचार करूंगा। यह पांच प्रतिशत है। वित्त मंत्रालय के निवेश के तरीके से इसे 15 प्रतिशत किया जा सकता है।