अरबपति अनिल अंबानी के मूल स्‍वामित्‍व वाली रिलायंस कम्‍युनिकेशंस और एयरसेल ने अपने वायरलेस टेलिकॉम कारोबार के विलय का ऐलान किया है। इसके बाद उपभोक्‍ताओं की संख्‍या के आधार पर यह विलय देश का तीसरा सबसे बड़ा टेलिकॉप ऑपरेटर बन जाएगा। रिलायंस कम्‍युनिकेशंस और एयरसेल का विलय, अनिल के बड़े भाई और भारत के सबसे अमीर शख्‍स मुकेश अंबानी द्वारा रिलायंस जियो की लॉन्चिंग के कुछ ही दिनों बाद हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार, इससे टेलिकॉम सेक्‍टर में स्थिरता आएगी और प्रतिस्‍पर्धा बढ़ेगी। रिलायंस कम्‍युनिकेशंस भारत का चौथा सबसे बड़ा टेलिकॉम ऑपरेटर है जिसके 9.87 करोड़ उपभोक्‍ता हैं, वहीं एयरसेल के 8.8 करोड़ यूजर्स हैं और वह देश का आठवां सबसे बड़ा टेलिकॉम ऑपरेटर है। इन दोनों का कारोबार एक होने से बनने वाली नई कंपनी देश की तीसरी सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी होगी। फिलहाल, भारत में भारती एयरटेल के यूजर्स सबसे ज्‍यादा हैं, जिसके बाद वोडाफोन का नंबर है।

मलेशिया की मैक्सिस कम्‍युनिकेशंस के स्‍वामित्‍व वाली एयरसेल के साथ विलय से रिलायंस कम्‍युनिकेशंस की 3जी सेवाओं एक्‍सेस को बढ़ाएगी। अब रिलायंस कम्‍युनिकेशंस के पास 4जी क्षमता भी हो जाएगी। रिलायंस कम्‍युनिकेशंस और मैक्सिस कम्‍युनिकेशंस नई कंपनी में 50-50 फीसदी योगदान देंगी, दोनों की कंपनी के बोर्ड और कमेटियों में बराबर हिस्‍सेदारी होगी। नई कंपनी के पास देश में 850, 900, 1800 और 2,100 मेगाहर्ट्ज के बैंड में दूसरा सबसे बड़ा स्‍पेक्‍ट्रम होगा। इस कंपनी के पास 65,000 करोड़ रुपए की परिसंपत्तियां होंगी और देश के टॉप कॉर्पोरेट्स में इसकी गिनती होगी।

पिछले साल दिसंबर में दोनों कंपनियों ने विलय के लिए 90 दिनों के ‘एक्‍सक्‍लूसिविटी पीरियड’ में प्रवेश का ऐलान किया था। इससे रिलायंस कम्‍युनिकेशंस के टॉवर और ऑप्टिकल फाइबर संपत्तियां बाहर रहेंगी। इसके बाद दो बारे बातचीत बढ़ाई गई। मोबाइल कनेक्‍शंस की संख्‍या के मामले में भारत, चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टेलिकॉम बाजार है। रिलायंस कम्‍युनिकेशंस ने कुछ एयरवेव्‍स बांटने के लिए रिलायंस जियो से करार कर रखा है।