Indian Railways: रेल मंत्रालय ने ट्रेन से यात्रा करने वालों के लिए राहत दी है। दरअसल यह छूट ड्राइवरों को दी गई है, ड्राइवरों को मिली इस छूट का सीधा फायदा यात्रियों को मिलेगा। रेल मंत्रालय ने ड्राइवरों के लिए छूट दी है कि अगर ट्रेन लेट हो रही है तो वह ट्रेन को अधिकतम स्वीकृत गति पर ट्रेन चला सकते हैं। अभी लोको पायलट्स ऐसा इसलिए नहीं करते क्योंकि उन्हें ओवरस्पीड का डर रहता है। ओवरस्पीड पर ट्रेन को चलाने पर लोको पायलट पर पेनल्टी लगती है या कोई दूसरी कार्यवाही होती है। ट्रेन लेट न हों इसके लिए अधिकतम स्वीकृत गति औसत गति से काफी ज्यादा होगी। अगर किसी वजह से ट्रेन लेट होती है तो लोको पायलट्स ट्रेन को आधिकतम स्वीकृत गति से चला सकेंगे ताकि ट्रेन लेट न हो। नए दिशानिर्देश साल 2000 में जारी एक आदेश का स्थान लेंगे, जिसमें कहा गया था कि समय पर होने के बावजूद ट्रेनों को अधिकतम अनुमति गति (एमपीएस) से चलाया जाएगा।

इस संबंध में रेलवे की तरफ से 15 अगस्त को नई समय सारणी जारी की जाएगी। आपको बता दें कि मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों की अधिकतम स्वीकृत गति 110 किलोमीटर प्रति घण्टा होती है। यह ट्रेनें औसतन 40-50 किलोमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से चलती हैं। शताब्दी, राजधानी, दुरन्तो एक्सप्रेस जैसी प्रीमियम ट्रेनों की अधिकतम स्पीड 130 किलोमीटर प्रति घण्टा होती है। ये ट्रेन 80-90 किलोमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से ही चल पाती हैं। अधिकतम स्वीकृत गति के सम्बन्ध में नियम है कि इससे ऊपर यदि ट्रेन चलती है, तो डाइवर पर पेनल्टी लगाई जाती है। इससे बचने के लिए ड्राइवर्स एक समान स्पीड से ही ट्रेन ले जाना पसन्द करते हैं। बता दें कि इस साल करीब 30 फीसदी ट्रेनें देरी से चल रही हैं।

इस साल ट्रेन का पंक्चुऐलिटि (समय पालन) ग्राफ काफी गिरा है, इसलिए रेलवे प्रशासन ने नये सिरे से आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि इस साल 15 अगस्त को नया टाइम टेबिल जारी होगा। इसमें 110 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से चलने वाली ट्रेनों की अधिकतम स्वीकृत गति 105 किलोमीटर होगी। 120 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से चलने वाली ट्रेनों की अधिकतम स्वीकृत गति 115 किलोमीटर प्रति घंटा होगी।