भारतीय शेयर बाजारों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है। इस गिरावट के लिए सबसे ज्यादा कोरना के नए वैरिएंट को जिम्मेदार माना जा रहा है। शुक्रवार को शेयरमार्केट में कुछ शेयरों में 5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है।

शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 1022.49 अंकों की गिरावट के साथ 57772.60 पर चला आया था। इस दौरान माइलस्टोन फर्नीचर में 9.89 फीसदी, इन्वेंचर ग्रोथ में 9.38 फीसदी, आरएमसी स्विचगियर्स में 8.65 फीसदी, अजंता सोया में 8.61 फीसदी और एए प्लस ट्रेडलिंक लिमिटेड में 8.34 फीसदी की गिरावट हुई है।

निफ्टी भी शुक्रवार को लगभग 350 अंक की गिरावट के साथ 17,190 पर आ गया। इस हफ्ते यह दूसरी बार है जब प्रमुख सूचकांकों में करीब दो फीसदी की गिरावट आई है। इस हफ्ते ही सेंसेक्स में लगभग 2,100 अंक या 3.5 फीसदी की गिरावट आई है। 19 अक्टूबर 2021 को अपने उच्च स्तर के बाद से यह लगभग 4,700 अंक या 7.5 फीसदी नीचे है।

बाजार में इस गिरावट के लिए ऐसे तो कई कारण हैं, लेकिन बाजार एक्सपर्ट की मानें तो सबसे ज्यादा इसके लिए कोरोना का नया वैरिएंट जिम्मेदार है। दरअसल दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस का एक नया वैरिएंट बी.1.1.529 पाया गया है। यह वायरस दक्षिण अफ्रीका के साथ-साथ बोत्सवाना और हांगकांग में भी फैल गया है। बताया जा रहा है कि यह सबसे खतरनाक वैरिएंट है और वैक्सीन का भी इसपर ज्यादा असर नहीं है।

इसके अलावा, अमेरिका में बढ़ती मुद्रास्फीति भी बाजार की गिरावट में बड़ी भूमिका निभा रही है। यदि अमेरिका अपने प्रोत्साहन कार्यक्रम को समय से पहले खत्म करने की ओर बढ़ता है, साथ ही उम्मीद से पहले दरों में वृद्धि करना शुरू कर देता है, तो इससे भारत सहित सभी उभरती अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित होंगी। साथ ही पिछले तीन कारोबारी सत्रों में एफपीआई ने भारतीय इक्विटी से 14,700 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की है और इसके परिणामस्वरूप सूचकांकों में तेज गिरावट आई है।

इसके साथ ही कच्चे तेल में गिरावट, मैटल और फाइनेंशियल बेंचमार्क के टूटने से भी भारतीय बाजारों में गिरावट आई है। यूरोप में कोरोना की फिर से दस्तक ने बाजार पर सीधा असर डाल दिया है। कई देशों में हवाई यात्राओं पर फिर से प्रतिबंध लगाया जा रहा है, इससे भी निवेशक परेशान हैं, जिसके कारण भारत और जापान समेत कई देशों के शेयर मार्केट मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।