शुरुआती कारोबार में गुरुवार (24 नवंबर) को रुपया डॉलर के मुकाबले 28 पैसे टूटकर 68.84 के स्तर पर आ गया जो पिछले 39 महीनों का सबसे निचला स्तर है। इसके पीछे मुख्य वजह विदेशी कोषों की लगातार निकासी है। बुधवार (23 नवंबर) को घरेलू मुद्रा दिन के समय में अपने सबसे निचले स्तर 68.85 पर पहुंच गई थी। इससे पहले 28 अगस्त 2013 को यह 68.80 के स्तर पर बंद हुई थी। मुद्रा कारोबारियों के अनुसार निर्यातकों की ओर से माह के अंत में डॉलर की मजबूत मांग, विदेशी कोषों की सतत निकासी और अमेरिका के केंद्रीय बैंक की ओर से ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी की संभावना से घरेलू मुद्रा को नुकसान पहुंचा है। उनके मुताबिक घरेलू शेयर बाजारों की धीमी शुरुआत से भी रुपया कमजोर हुआ है। बुधवार को रुपया 31 पैसे टूटकर 68.56 के स्तर पर बंद हुआ था जो पिछले नौ महीने में सबसे निचला स्तर था। इसी बीच बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स आज 145.97 अंक यानी 0.56 प्रतिशत गिरकर 25905.84 अंक पर खुला है।