IRCTC INDIAN RAILWAYS: भारतीय रेलवे अब ट्रेनों को अपनी प्रोडक्शन यूनिट में बनाने के बजाय प्राइवेट कंपनियों से रेडीमेड ट्रेन खरीदने पर विचार कर रही है। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए केन्द्रीय रेलमंत्री पीयूष गोयल, केन्द्रीय रेल राज्यमंत्री सुरेश अगाड़ी और ट्रेन मैन्यूफैक्चरिंग और कोच फैक्ट्री से जुड़े अधिकारियों की हाल ही में दिल्ली में अहम बैठक हुई। द हिंदू की एक खबर के अनुसार, फिलहाल रेलवे ईएमयू (Electric Multiple Unit) और मेमू (Mainline Electric Multiple Unit) ट्रेन रेक मंगवाने पर विचार कर रहा है।
बता दें कि भारत में रेलवे की तीन प्रोडक्शन यूनिट हैं। ये यूनिट इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) चेन्नई, मोडर्न कोच फैक्ट्री रायबरेली और रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला हैं। बताया जा रहा है कि रेडीमेड ट्रेन खरीदने से रेलवे को नई तकनीक मिल सकेगी। रेलवे अगले 3 सालों में 2000 रेक खरीदने पर विचार कर रहा है। इसमें ईएमयू और मेमू के अलावा 320 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन और कोलकाता मेट्रो खरीदी जाएंगी। रेक बिना इंजन के डिब्बों की श्रृंख्ला को बोला जाता है।
हालांकि प्रोडक्शन यूनिट से जुड़े रेलवे कर्मचारियों को भविष्य में इस योजना से अपनी नौकरी पर खतरा मंडराता नजर आ रहा है। लेकिन रेलमंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि पूरी ट्रेन को खरीदने की योजना ‘मेक इन इंडिया’ पॉलिसी के तहत ही बनायी गयी है। उल्लेखनीय है कि रेलवे द्वारा रेडीमेड ट्रेन खरीदने की योजना नई नहीं है। इससे पहले चेन्नई मेट्रो रेल लिमिटेड द्वारा भी रेडिमेड ट्रेनें खरीदी गई थीं।