अमेरिका ने सोमवार (29 अगस्त) को कहा कि रक्षा हो या खेतीबाड़ी, भारत- अमेरिका व्यापार संबंधों ने ‘हर रिकॉर्ड तोड़’ दिया है और भारत में जीएसटी जैसे हाल ही के सुधारों से दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध और मजबूत होंगे। भारत में अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा ने यहां यह बात कही। वे अमेरिका भारत नवोन्मेष मंच को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मजबूत द्विपक्षीय संबंध सरकार से सरकार के बीच बढ़े संवाद का परिणाम है। उन्होंने कहा,‘ हमने हर श्रेणी में बनाया गया हर रिकॉर्ड तोड़ दिया है, दोनों देशों के बीच दोतरफा कारोबार पिछले साल 109 अरब डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई पर रहा, रक्षा कारोबार पिछले साल सबसे ऊंचा 15 अरब डॉलर रहा। इसी तरह कृषि क्षेत्र में भी हमारा संचयी कारोबार छह अरब डॉलर रहा।’ उन्होंने कहा कि अब तक यह अच्छी कहानी रही है जबकि ‘हम और बेहतर कर सकते हैं।’

वर्मा ने कहा कि जीएसटी, दिवाला संहिता, राष्ट्रीय आईपीआर नीति व एफडीआई नियमों में ढील जैसे हाल ही के सुधारों से दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को और मजबूत बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि भारत व्यापार सुगमता बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है और इस लिहाज से राज्यों में भी प्रतिस्पर्धा है। वर्मा ने कहा,‘हम राज्यों में प्रतिस्पर्धी संघवाद देख रहे हैं। हम उत्साहित हैं और हमारा मानना है श्रेष्ठ अभी आना है।’ अमेरिका का मानना है कि भारत इस समय दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ी अर्थव्यवस्था है और यहां सबसे बड़ा मध्यम वर्ग, कॉलेज स्नातक होंगे। सबसे अधिक बड़े शहर होंगे।

वर्मा ने कहा,‘जनसंख्या का दो तिहाई हिस्सा 35 साल से कम आयुवर्ग का है और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में भारी निवेश होगा, इसलिए हम काफी आशावान हैं और भारत को लेकर उत्साहित हैं।’ वर्मा ने कहा कि भारत ने उक्त लक्ष्यों को हासिल करने के लिए नीतिगत मोर्चे पर लगातार सुधारात्मक कदम उठाए हैं और उसने मजबूत बौद्धिक संपदा (आईपी) ढांचा बनाया है। उन्होंने कहा कि हर कोई यह मानना है कि अमेरिकी कंपनियां आईपीआर के बारे में शिकायत कर रही हैं लेकिन जब कोई भारतीय नवोन्मेषकों से सुनता है तो उनके पहले दो या तीन मुद्दे यही होंगे कि ‘हमे भारत में बेहतर आईपीआर माहौल की जरूरत है।’