टेक दिग्गज एपल को भारत सरकार ने बड़ा झटका दिया है। सरकार ने एपल को उसके पुराने स्मार्टफोन्स को आयात करने और भारत में बेचने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। सरकार ने कहा कि इससे देश में खतरनाक ई-कचरा बढ़ेगा जो कि पर्यावरण के लिहाज से सही नहीं होगा। टेलीकॉम मंत्रालय के प्रवक्ता एनएन कौल ने कहा,’ भारत नुकसानदेह सामान के रिसाइकिल करने या डंप करने को प्रोत्साहन नहीं देता।’
एपल के लिए फैसला बहुत बड़ा झटका है क्योंकि वह भारत में अपने कारोबार को बढ़ाने की तैयारी कर रही है। इसी कदम के तहत उसने रिफर्बिश्ड आईफोन को भारत में बेचने की अनुमति मांगी थी। रिफर्बिश्ड फोन वे इस्तेमाल किए गए फोन होते हैं जिन्हें खराब होने के बाद ठीक किया जाता है और फिर दोबारा से बेचा जाता है।
एपल इस तरह के फोन अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में बेचती है। दुनिया भर में आईफोन की सेल में कमी के बीच एप्पल के सीईओ टिम कुक ने हाल ही में भारत में कारोबार को लेकर उम्मीद जताई थी। केंद्र ने पिछले साल अगस्त में ही नोकिया, एप्पल और आईबीएम जैसी कंपनियों की ओर से यूज्ड फोन और इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स के आयात पर रोक लगा दी थी। एप्पल ने इसे हटाने की मांग की थी, जिसे पर्यावरण मंत्रालय ने खारिज कर दिया।
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सरकार ने ये फैसला इसलिए भी लिया क्योंकि भारतीय फोन निर्माता कंपनियों ने इशका विरोध किया था और कहा था कि अगर सरकार इस पर रोक नहीं लगाती है तो इससे देश में पुराने फोन्स की बाढ़ आ जाएगी। यही नहीं इससे मोदी सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ की नीति पर भी गलत असर पड़ेगा। भारत में औसतन 150 डॉलर यानि लगभग 10 हजार रुपये की कीमत वाले स्मार्टफोन की बिक्री ज्यादा होती है। जबकि आईफोन की कीमत काफी ज्यादा होती है। हाल ही में लॉन्च किए गए आईफोन एसई की कीमत भी भारत में 39000 रुपये है।
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