सरकारी टेलिकॉम कंपनी बीएसएनएल और टीसीएस के बीच बड़ा करार हुआ है। बीएसएनएल ने टीसीएस को 15 हजार करोड़ रुपये का आर्डर दिया है। यानी अब BSNL का फोर्थ जेनरेशन (4G) नेटवर्क जल्द लॉन्च हो सकता है। केंद्र सरकार के ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) ने TCS की अगुवाई वाले कंसोर्शियम को एक लाख साइट्स के लिए इक्विपमेंट की सप्लाई के प्रपोजल को अनुमति दी है। यह सौदा 15,700 करोड़ का है।

टेलीकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने मई में बताया था कि BSNL ने फील्ड ट्रायल के हिस्से के तौर पर 200 टावर्स को लगाना शुरू कर दिया है। अगले कुछ महीनों में 4G के लिए तेजी से टावर लगाने की योजना है। इस कंसोर्टियम में टेलीकॉम गीयर निर्माता कंपनी तेज नेटवर्क भी शामिल है। जल्‍द ही देशभर में 4जी नेटवर्क स्‍थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर देगी। तेजस नेटवर्क बीएसएनएल को रेडियो एक्‍सेस नेटवर्क (RAN) की सेवा मुहैया कराएगी। इस डील के जरिये देशभर में 1 लाख टॉवर लगाए जाएंगे।

सरकार बीएसएनएल को सुधारने पर काम कर रही है। जुलाई 2022 में ही केंद्रीय कैबिनेट ने बीएसएनएल के रिवाइवल पैकेज के रूप में 1.64 लाख करोड़ रुपये देने का ऐलान किया था और इस राशि में 43,964 करोड़ रुपये का सीधा कैश सपोर्ट था। जबकि 1.20 लाख करोड़ का तकनीकी व अन्‍य सपोर्ट शामिल था सरकार का तीन लक्ष्य है। पहला बीएसएनएल की सर्विस की क्‍वालिटी सुधारना, दूसरा बैलेंस शीट को मेंटेन करना और तीसरा फाइबर नेटवर्क के जरिये ब्रॉडबैंड को मजबूत बनाना है।

केंद्र सरकार ने BSNL के लिए 600 MHz, 3300 MHz और 26 GHz बैंड्स में स्पेक्ट्रम को रिजर्व रखा है। इनका इस्तेमाल 5G सर्विसेज उपलब्ध कराने के लिए किया जाएगा। देश में पिछले वर्ष 5G सर्विसेज लॉन्च की गई थी। रिलायंस जियो, एयरटेल, वोडाफोन जैसी बड़ी टेलीकॉम कंपनियां तेजी से हाई-स्पीड नेटवर्क को बढ़ा रही हैं।

बीएसएनएल मुंबई और नई दिल्ली को छोड़कर देशभर में फिक्स्ड लाइन और मोबाइल सेवाएं उपलब्ध कराती है। BSNL ने टीसीएस के साथ सरकारी कंपनी आईटीआई लिमिटेड को भी APO का हिस्‍सा बनाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बाजार विश्‍लेषकों का मानना है क‍ि इस डील का 20 फीसदी हिस्‍सा यानी करीब 3 हजार करोड़ रुपये ITI Ltd को मिलेंगे।